पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/८०८

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झाड.का. मावा ७३७ पड़े हुए गर्द को परिष्कार करना । ४ बल या छल हारा | झाड़ वाला (हिं पु०) हाइपरंदार देव।। । "किसी दूसरेसे धन लेना, झटकना । ५ मन्त्रोच्चारण करना, मापड़ (हिं पु०) थप्पड़, तमाचा, लप्पड़ । ' भूत प्रेतको दूर करने के लिये मन्यसे फूकना । ६ चिढ़ | झाबर (हिंपु.) दलदली जमोन। '

कर क्मिो पर कठोर शब्द प्रयोग करना, डाँटना। । | झावा (हिं. पु०) १ टोकरा, ग्वांचा । २ यह टोटोटार

झाड़ फक (हिं'• स्त्री० ) मन्त्र पाटि पढ़ कर भूत | बातन जिममें घो तेल पाटि रखा जाता है। ३ प्राटा प्रेतीको दूर करने की क्रिया। छाननेका चमड़े का यना इया गोल थाल। यह प्राय: . झाड़ वुहार (हि. स्त्रो० ) परिकार, शुद्धता, सफाई। पञ्जाबके लोगों के काममें आता है। ४ लटकाये जाने का झाला (हि' पु०) १ मन्त्र इत्यादिका उच्चारण । २ अनु| रोशनीका झाड मन्धान, तलागी, खोज खबर । एकत्रित सितारके तारोंका झायो (Eि स्त्रो०) टोकरी, छोटा भाना। वजना। ४ विठा, मेला । ५ पाखाना, टटी। झाबुआ-१मध्यभारत के अन्तर्गत भोपावर एजेन्सीका शाम- झाड़ाकर-बम्बई प्रदेशके एक येणोके मुमलमान । इनको | नाधीन एक देशीय राज्य । यह अक्षा. २२' २८ मे २३ धूलधोया भी कहते हैं । ये पहले हिन्दू-धर्मावलम्यो धूल- १४ उ० चौर देशा० ७४२० मे ०५' १८ पू०में अवस्थित धोया या सुनार थे, औरङ्गजेधके जमाने में इनको मुमल है। इसका भूपरिमाण १३३६ वर्गमील है। इसके उत्तरमें मान धर्म लेना पड़ा था। ये हनिफो येगीके सूवि-मता खुशालगढ़, रत्लम और शैलाना राज्य, पूर्व में धार और यलम्यो हैं पर धर्म पर इनकी आस्था नहीं है । विवाह अलीराजपुर, दक्षिण में जोबट तथा पश्चिममें दोदर पोर पोर अन्त्येष्टिक्रिया के समय काजीके द्वारा कार्य कराने पञ्चमहाल जिलेका जालोद उपविभाग है। पर भी झाड़ाकर लोग अब भी गोमास नहीं खाते, हिन्दू ___ प्रवाद है, कि लगभग १६वीं शताब्दोमें यहां भाव - देवदेषियोंको पूजा और हिन्द्र के त्योहार भादि पालते है। नायक नामका एक विख्यात भोल डकैत रहता था। सुनारीको दूवागको धूल धो कर उसमेंमे सोना-चांदी| उसोके नामानुसार इस प्रदेगका नाम झाबुया पड़ा है। निकलनाहो दनको उपजीविका है। बहुतसे लोग नौकरी | यहां के वर्तमान अधिपतिगण राठोर-शोय राजपूत है. भी करते हैं। पुरुषगण मध्यमाकृति, सुगठित और श्यामः जो अपनको जोधपुरके प्रतिष्ठाता जोधाके पश्चमपुव धोर- वर्ण होते हैं। ये मस्तक मुड़ाते और लम्यो दाड़ी तथा सिंहके वंशधर बतलाते है। ये लोग दिखीखरके प्रियपाव हिन्टुषोंको भौति चोटो रखाते हैं। स्त्रियां परिकार परि- हो गये थे और १५८४ ई में इन्हें मानया के अन्तर्गत च्छन्न और खाक्षति है। यह जाति परियमो और मित- वदनावर जागीर मिली थी। रणदास नामक इसो व्ययो होती है। ये ताड़ी बहुत पीते हैं। इनको भापा | वंशके एक पुरुषने मम्राट अमाउद्दोनको बङ्गाल जय कर्णाटी अथवा कर्णाटी मिश्रित हिन्दी है। करने में महायता पहुँचाई यो और गुजरातके शासन- झाड़ी ( विनो) १ छोटा झाड़, पौधा । २ बहुतसे छोटे | कर्ता हत्याकारो भोलदस्युको दमन किया था । सम्राट छोटे पेड़ोंका ममूह । ३ सूपरके वानोंकी कूची, बलौशे ने खुश हो कर उन्हें इस प्रदेशका प्रधीखर बनाया था। झाड़ोदार (हिं. वि.) १ जो देखनमें छोटे भाड़-सा हो। तभोसे उनके वंशज भावुपा राज्यका भोग करते आ रहे २ कंटोला कोटेदार । । थे। १६०७ ई में पुरके विष देनेमे करणदासको मृत्यु हो झाडू (हिं. स्त्री०) कूचा, बोहारो, सोहनो, पठनी । २ गई। इस समयसे कुछ दिनों तक राह-विवाद रहा था। केतु, पुच्छत तारा, दुमदार सितारा। .. महाराष्ट्राँके अभ्य त्यानके ममय होलकरने दमका पधि- झार दुमा (Eि • पु. ) भाड़ की तरह टुमवाला हायो। कांश अधिकार कर राज्यका नाममात्र पगिट रखा। इस तरहका हाथी ऐयो गिना जाता है। . . . . किन्तु उन्होंने भावुपा-राजाके ऊपर चौय बसून करनेका झाइबरदार (हि.पु.) १ भाड़ देनेवाला पादमी।२ मार माया अब भी होलकर झाबुमा राजासे राजख पाते चमार, भंगो, मेहतर। ... ... . | मर जोन मालकोम हारा मानवा-सस्थापनके समय Vol. VIII.185