पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७८७

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०१६ झन-झपट - दिन तक दोनों युह चलता रहा, पर जयपराजयका मातमें बहुत दूर तक डूम जाता है। वर. बेचा और निरय नहीं मा। पाखिरकार एक दिन दैवयग हजा ये यहाँक साधारण रोग है। यहां एक घाना और सर चढ़त्सिदको बन्दुक फट गई, जिसमें वे एक डाकघर है। निहत हुए। एमके अनन्तर एक दिन कन्हिया पराजित झनझनाना (हि.कि) झनझन अावाज होना। होने ही वाले थे, किन्तु झण्डासिंहके एक अनुचरने उन्हें झनझनाहट (Eि'स्त्रो०) १ 'कार, झनझन शब्द : धोग्वा दिया, वे उसको बन्टूझको चोटमे युद्ध करते होनेका भाव । २ झुनझुनी।। करते मारे गये । वह दुष्ट जयसि हमे घूम ने कर ऐसे झनझोरा (हि. पु. ) एक पेडका नाम। काम प्रत्त हुअा था। झगडासिंहको मृत्यु के बाद | मननन ( हिं• पु०) झकार, मनझन शम्दं । शन्हियागण महजहोमें विजयो हो गये। गण्डामिह मनम (हिं. पु०) चमड़ेसे मढ़ा हुआ एक प्रकारका ज्ये ह भाईके पद पर अभिपित हुए। प्राचीन कालका बाजा। ' झन (मि. स्त्रो०) किसी धातु-खंड आदिका घाघातमे | झनाझन (हिं सगे.) झकार, झनझन शब्द उत्पन्न शब्द। झन्टिनुर--युक्तप्रदेशके आगरा जिलेका एक शहर। यह झनक (हिं० स्त्रो०) धातु धादिके परस्परट करानका शब्द।। अक्षा० २७ २२ उ० और देगा. ९७४८ पृ० पर झनवाना (हिं० कि० ) १ झनकारका शब्द करना।२ प्रागरामे मथुरा जानेके रास्ते पर प्राय: २६ मोल उत्तर गुम्से में हाथ पैर पटकना । ३ चिड़चिड़ाना। ४ झोसना पथिममें अवस्थित है। देखो। झनाइट (हिं स्त्रो०) झनकारका शब्द । झनकमनक (Eि' स्त्री०) आभूपों पादिका शब्द। | झन्निवाल-कबर के समयके एक नामी फकोर । 'पाइन मनकवात (Eि. सो.) घोड़ोंका एक रोग। इसमें वे ए-अकबरीमें इनको रय थे गोमें प्रर्थात् अन्तर्दशी पण्डित अपने परको कुछ झटका देते रहते है। में गणना की गई है। इसका यथार्थ नाम दाउद था. झनकार (हि. म्बो. ) झकार देखो। . लाहोरके निकटस्थ झविसे मनिवाल नाम प्राप्त हुमा झनझन (PE स्त्रो० ) झनझन शब्द, झनकार । था। इनके पूर्वपुरुषगण अरवदेशमें पा कर मुलतान के झनझना (हिं. पु०) १तमाकूकी नसमि छेद करनेवाला अन्तर्गत सोतापुर में रहने लगे थे, वहीं इनका जन्म हुमा एक प्रकारका कोटा । (पि० )२ जिसमें से झनझनका था। ८८२ ई० में पुनको मृत्यु हुई थी। शब्द निकलता हो। . . . | झप (हिं० क्रि० वि०) शीघ्रतासे, तुरंत, झट। झनझना-युक्त प्रदेशो "अन्तर्गत मुजफ्फरनगर जिलेको | झपक (हिं. स्त्रो०) १ बहुत थोड़ा समय । २ पलको शामालो तहमोलका एक रुपिप्रधान शहर। यह शहर का परस्पर मिलना, पलकका गिरना। ३ इन्तको नोंद, . अक्षा० २८.३०°५५”उ० पौर देशा० ०७१५ ५५ झपको । ४ लज्जा, गर्म । पुन, मुजफ्फरनगरमे ३० मोल पधिमकी भोर यमुना | झपकना (हि.कि.) १ भय खाना. डरना, सहम, और नहरके मध्यवर्ती प्रदेश में अवस्थित है। यहां पहले | जाना । २ ढकेलना । ३ पलक गिराना । ४ तेजीसे भागे एक ईटका बना हुधा किला है, जिसमें एक मसजिद | बदना। ५ लज्जित होना, शरमिदा होना । ६.धना, तया शाह अबदल रजाक और उनके चार पुत्रोंको कन, झपकी लेना। है। मसजिद और कत्रे समाट जहाँगोरके ममयम अनो झपका (Eि पु. ) वायुको तेजो, इवाका झोका! . ची। इसकी गुम्बजमि.नोले रंगके बहुतमे पुष्पादि बने झपकाना (हि कि०) पलकोंको सदा बंद करना। हुए हैं, जो शिप चातुर्यका परिचय दे रहे हैं । यहाँको झपकी (Eि खो०) १ थोड़ी निद्रा, हलकी नींद।२ • दरगाह इमाम माहम नामकी अधान्तिका नवमे प्राधान | अनाज अोमानेका कपड़ा। ३ भान झपकनको क्रिया। है । महर के बगल में एक नहर है, जिमके कारण घर- झपट (हि. मो.) झपटनेको क्रिया या भाव । ।'