पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/७५२

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६८० . करोष ३५ वर्षमे यह मारतमे भी होने लगा है। पम पम्प बाम पायमा जोस । गरीरका कुछ पंग गोतन प्रायः हर मान जाड़े के चनामें इमरका पाविर्भाव देवा, पौर उग, मन्यना गिर:पोदा, मुख रयणं, पोठ गक आता है। इस पर गेगी मयंदा मर्म रोम वेदना | पोर सामरीध अनुभप । अनुभव करता है तथा मर्दी और पामो भो होतो। सारपोनिया-पायमा गोम पीर पिगमा, या यह जर लाल बुनारकी तरह भयावह नहीं होता। गंगी काम, हाती पेट पोर यह पाक्षेत्र, मन कहिन पोर प्रायः पारोग्यलाभ करता है। तीन दिन तक घर शुष्क, रोगी पति शोधपरायण। विद्यमान रहता है. फिर पटग्य हो जाता है। ___ काम का-गोत. कभी दाह, कुश बधिरता, पर अपर जितने प्रकारके वरीका ने किया गया। भीगे कपड़े में टए जान पड़ना दुममा भमि पोर है उनमे पधिकांग वर हो पहने हमारे देगम नहीं नाममता, उदरामय, मेलाममम, पग्निमाम्य। थे। कोई कोई कहते कि, जलवायु परिवर्त ममे कापमिकम-गोत पोर लगा, फिर दाम दिनु भारतवर्ष में उस मकारके रोगका बाविभाव नया हिटणाभाव, पुनः गोत, उप यमुको घभिनाय, घर में हो रही है। किन्तु यह बात प्रमगन मालूम लोगो है। समय तन्द्रा और पमाना, पाठ पोर प्रयिम वेदना। गीनप्रधानटेनमें जिम तरकी पीपधियां दो जाती कार्यों भेजिटेम्निम-दसगुन पोर प्रसा घेदना. उनके (मारे प्रधामदेशम) में वनमें नया गीतप्रधान नुभय, बादमें बरका प्रकाग. गात पोर ठम ममः गोपयोगी गाथा दक पाने पोर परिशदादि परनने / पिपामा, भमि, मुख रसाया, यमर्नेका । लसि पोर पारी में हम लोगोंका म्याग्थ्य क्रमग: भग्न हो SA पोर | ममय ऐमा मालूम पड़ना मानो पेट फटा जा ररा। नाना प्रकार मेगाकी उत्पत्ति होती हैं। बातमे घर मेदन - तारा गोस. पाय, गरीरका मित्रांग मकामक होते हैं, मनिए ये क्रमशः देशभ्यायो को कर मानो फटा जा रहा है, ऐमा मानम पढ़ना, दास, प्रम, भारत मयं न विचरण करते हैं। मत पदादिम ज्ञानगुन्यता । होमियोपायिक मतानुमार ज्वरकी जिम पम्य में कामोमिना-अपगीन, पतास टार चोर पंद, ओलीपधि दो जाती है, नोधे उनका वर्णन लिया दाह मय प्रताना राणा, मुख वा पयश कोन माता-

  • एक तरफ मानिमा पो दूसरा पोर पाएन या

१। मविराम स्वर! प्रस्ताव एकोनाइट-पत्यत गोत, मम्तक पोर मुत्र प्रत्यन्त चायना-पान, गिर:पोहा, सुधा, यग्यणा पोर कम्प उगा, पर ममय पीि, मानगिक पोर घाविक सीकर व्याको हतिया मरोरका गीस पोर नानपण विशाला. यापन पधिप, कम्म। डोमा, कामम झमझनाहट, ममि, पोहा पोर यह एपिष्टमान-पाकम्यनीगत व्याधि, मिहा तमना.! पंदना, मम्मिन पार पाडदे, मसी या गती या एस. पत्यन्त विपात, पत्यमा गोत. 'नुपरुना पमीन।। । मी वायुका निश्मना। एपिममम्-मा: धर्म पोर शुकताकाग. वाम मिना-मन. पा. पिगमा, व्यरदाकि ममर अमें घेदमा ममत्यागके ममय पेटमें प्यमा] मुगम राजन, मवदा मामिलाममा गतका चाड दानुभष। नमा पोमिदा प्रभागित, जिना परिकार घाम-शियोहा ममि. संभार पाना, गोर उपेट्रोपर-गोता. पदमी विमाशERH, पुनरिगुपदा पत्यमा गोत.भुमय, घामममि मि, मुमेन बागी भन्समा या परिता और मन्वय, ध्यररि सहि गाम्भोर ममय पोट ता.पनामा दिन, मम्य पाट पोर पन्दन तपा। शिवमम, धर्म। . . डोना-परपमा जर किपा मोत. पपा पम-मोर, दिगमा, मि , सरमा मन में