पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६४७

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शांति मना मोधमा महो। यदि यस्यान प्रार होगा। सानो प्रय AMERITAIME मा.पित करके पाट का, तो प्रयाक पम्पट या समम्म कमायमे मी मी मिति और धानादिक विषयका मान मन का विस्य होता है। दिलीय पोर सतो की श : हमारे मन के निरर्पसभापनि घिमी शान वापर होता है, यही ययायाम है। : । माशा हम न र मकना। मे भो धमकान मुमिद फरामोसो पन्हित कीमत मसमदिर पदार्थ या म सो सम्ट्रियविषयोभूम न लेने पर पम मभो यो धान के उप्रतिमार्ग में सामने तो मोपान सपना पढार्योग परिचित पासे है। प्राएय याच या पोर मोपान ऐगाणिक, पाध्यामिक वा वामूलक १. पार पाए नी-मार ऐन्द्रियानमम्भ त मानमिक विय दृारा हानिक, फास्पनिक या गनिमुनकर चोर विगेपर हमारे ऐन्द्रिमान उत्पन होमेमे मानमिक तोसरा यज्ञानिक, प्रामाणिक तथा नियममूनक । मसनमा उपस्थित होतो; ममानता या चैतन्य हो लोग या स्तुको टेप कर उसका एक मसम भाना मा प्रकार मियाप वा एकीकरण है। हम छाविगिट कर्मा अनुमान कर सका कारण मी तन्य कारण हो हम पदार्या चिवको कल्पना करने देगा जाता । मार ममो का मन मिनिट . मर्थ होने हम ऐन्द्रियमान है कारण मममें जो पामामे उत्पन्न होते हा मोनिए किमी कायं को देने मिय भिव भायोंका पनुभव करते उन पपने पाप हो हम उममें एक मवेतन विशिष्ट कामाशो मामन्त्रम्य नहीं होता : मारी इहि या मिसागतिको कम्पमा करते है। पीर धार जान शिसमा फति पाता महायतामे उनका एयय माधित होता है। उसनो हो मागको धारणा होती पाहोति पाये मनिन (Schehng) कहते है- हमारे मान लिमको मधेतम ममम्मत धे, बाम्तयमें उममें कन्या मिक घिय पोर वाघ पदार्य इनमें परम्पर पतिनिकट । कोई मत नहीं है। चतन्य मदले एम को ममध, एफ को चूमना टेरी है। एक कन कार्यमापक प्रियRAM मोग समझते ५ कि । मे हमरेको माता उदिन होतो है। मम तरहका मान । पग्नि रचनापूर्वक पाको दग्ध करतो पो निषित माममिक सिसी माय माधव ऐयरक कार उपप होता है फि. पनि किमो सरहको निज पानी होता। हमको दाहिका शशि प्रमायगे बादाय होतो है। पिनो मतगे इन्द्रियों हारा जयमक प्रत्यक्ष दम दितीय प्रमायाको दानि काम्पनिक मि नहीं होता, तब तक मन अपगेनी नहीं जान | मूनक पान करते है। पोहे पम पम कु माल ममता। यह प्रत्यपमान मधमत: पाम ट रा ६ कर पमिशता फनमे गमकते हैं कि, म वामा मनका पाम्पमारिक क्रियाग या पटोशन तोता। एक न एक नियम पर्यात निर्दिषोंत्तरम्ब पोर किन मनको कार्य कानेकी कोई पाधीनमा नही माय मम्यधामनोमन नियमानिरिक पौर पर है। पूर्व यी कार यह नियमित रूप होता भी आमनेको मतानी ऐमा मम कर NTR पाता। शिमी एक नित्य नियम लाग्य सम्म । म हायर मियम गोसनयम म सिपा गाँजा निकाल पीर परिजमम होता। मानिक पोपान पर मिह शोर । पिगोजा कर लियात सक्रिय साग प्रत्यराम विषयो शान के मानिक मोपागका माम मिली । हम द हमार माया धारण गरी कर मत। हिमो विषय मा वाम प्रम . या पाराशेमो पिमा होता.... नको रह गया है पोर किमोजिमी fak ke FREETIN प्रभायमे यासन एसो.मोग- म मट गए। फीमा भाषा फिर दिना . .. -बिमा गरम ममा पोस में RIYAR 'पोसादर