पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६११

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५४ नांक मामुद्रिक शो राय और गोलितप्रिय, मलिए मत मतस-भोगे पमना पन्य किमो पो me यया पन्द किमी प्राणी पर प्राममप मकर में ओक पकड़ो आहो। फिर मरोगा पयया ११ भदा मनीशा पनपने लिए कोशिश करती रहती पुकरणोके पानी पौर पर एक नरे घटको भरमा । रतिमा पून मिने, उसना को पी मकतो है। उममें ओंकोड़ दी जाती है। गैषाल, शुष्पमा पर . चापयं को यातक मोफ कामो गन पोने पर भो। जलन मूनको पूर्ण करके उन्हें विनाना पारि। मालियां दुर्वन नही होतो, मिर्फ भूप बढ़ जाती है। मान लिए राय या जनजात पत्त देने चाहिये। दो . और कभी कभी उममे मानिया परिपुष्ट होती है। ये मीन दिन बाद जल पीर भक्ष्य शो को बदन देना । जी मनियाँ नागरिक बन्योंको शिव नही करनी चाहिये। मगार मगार घटपरिपतग करना चाहिये। प्रमनियम सोबन फाति न पतो। __ जिन मोंको का मध्यभाग म्यान दो, जो पनि चोप . पनदियोन सकिदी वैटाईम पाडे के मोलकोपगे | पथया न्य मता कारण धोरणामी, अम्पायो, विपाक । ए ए क ण्यम मगामार पत्ताम तक पगार जीव वीडित म्यानको पकड़तो नहीं, ऐमी देगा। रग प्रगहों के बोलकोप यतुनाकार होगे ४ समोणके लिये प्राप्त नहीं है। विपाल २ ." शिनका व्याम एक पा पत्तमाग होता। हम| काटने पर महागद नामको पोपध पीना चाहिये। व नौका यदिरावरण प्रत्यन्त राम और प्रग का रन' मावरिका नामको जीका वायो, घोही पार्टि र . मफेद होता। कई के फटनेका ममय जितना हो मोसपोनिय प्रशाम्त। सो निर्विको मजदीक पाता जाता है. इतना हो मका वर्ण विशाल शोषण कर मक्ती . हमी भोकर मारा ममण्याटिया . होता जाता है। पन्य नलागोको ऑकों के प पर | मामोनम करना चाहिये । किमो तरफफा पायण नहीं होना । मामुद्रिक जाक _रा मोचय करानमे पहिले पोलित यतिको लेटना । पाई के उपरी हिस्मेको फाड़का वाहर निकलतो है, या पेठ जाना चाहिये। पीडित समाग यदि वेदना किन्तु अन्य प्रकारको जोकके निवाली ममय पण्डे के | जाकर निवाला ममय पाठक ! रहित हो, तो उम म्यानपर मगा गोवर पोर मिहोश दोनों अंग अपने पाप पट जारी है। 'चरा रगत देना चाहिये। बाटमें जाममाकर मरी मुमतमान मोग व्याधि नबारमार्थ ज्यादातर जाँकका पोर इनदोका गिनापिट कल्फ पानोम मिनाकर उम प्रयोग करते है, उन मोगाने मका व्यवहार हिन्दु?म | गरीर पर पोत देना चाहिये। पनम्सर पण म । मीषा था। किमो किमो जगह जलीकाको मधुझे माय उत्तम | लिये उमे एक अन्नपात में रखकर पोहित पान पर करके निधामूमोय प्रन्यमि प्रयुक्त किया जाता है तथा लगाना चाहिये। नगासे ममय वारोक मफेद चोर भोग.. ए.समदा कपड़े या नईम छम ओंकको टफ सपना अनौकाको गुपाकर गुमन्चरक माय उमका पूर्ण वमार ध्यवहार करनी मार्ग (Harmorrhoiits ) गाना पाहिये पीर मिर्फ मुंशी पोन देना चाहिये। यदि होता है। जमोकाको मुवामझर उमंका वर्ग मस्तक ! भोक चिपटे म.सो मे एक विन्दु टुग्ध या aur पर ममान इंग उपयोमकी है। नाना शाहिरी पाया पाहारा बोड़ना चाहिये म पार्य पनि गण यातपित वाकमेhिat पर भी यदि न चिपटे तो मा जोक मगामो बारित्र सोम पर जगमोसोसिका ममात । घोहे के पुराई समान मुष पोर कम्प मचा कर . ' मानिए शोमामी आति और रमणामी पाटिका.मोसर मुग प्रविष्ट होनेपर ममझना चाहिये कि तुमने प्रशासम लोगों को इस परम सोमानम पदनिया जिम ममय पक , मममय भी .. था। यदो कार किसन्युन पादि पर पगामि ! कपई में हमको कर पोप योगी पर पानी .*मेकोश पैदकोशातो. मेहपाना माता: बोले मना नारिय। राहत ममय माग पादि विषय पनि पीड़ा या पूजनीमेपर मम रिपो स