पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/६०८

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वन्तायनि-नोंक ..फड, । जीवन्त ऋषिके गोवापत्य, एक , यजुर्वेद | जेमा (हि. वि.) १ जिन याति या गुणका, जिम प्रचारक। प्रकारका। २ जिम परिमाणका, जितना। ३ ममान, वन्तायनि (सं० वि०) जीवन्तस्यादूरदेशादि, कणा- महश, वरावर। (कि० वि०) जिम परिमाणमें, जिस दित्वात् चतुरो किम् ! जोवन्तका पदूर देगादि मात्राम, जितना। जवन्ति (म० पु. ) जोवन्तका अपत्य । जेमो (हि. वि. ) जैमाका स्तीनिह जमा देगी। जेवलि (म पु०) जोवलस्य राज्ञोऽपाय, जोवन- र मे (हि.कि.वि.) जिम प्रकारमे, जिम गर्ने । जोवनराजका अपत्य, जोवन राजाके वंशज, ये प्रवाहणाशि (मं. पु.) जिहागिनोऽपत्य शुभ्रादित्वात् नाममे प्रसिद्ध है। ढक, दागिड़ना. नि. टिलीयः। जिलाशिनका प्रपन्य। "तं ह प्रवाहणो जैवलिरुवाचास्तव किल ते जलावत्यमाम ।" } जैना (म. को०) जिज्ञास्य भावः जिह्मगड । जिप्रता, (जन्दोग्य न.) । कुटिलता, टेढापन । यह जाति कर महावासकमें जंबाटक ( पु.) जीवयति ओषधिप्रभृतोनि, जीव. गाय है। णिच-पाट कन् । भातृकन् वृद्धिध । उ १।। १ "जमापस्य मैथुन पुंलि जातिनंशकर स्मृतं'। (मनु. १५०%) चन्द्र, चन्द्रमा। २ कपूर, कपूर । ३ पुत्र, बेटा। . निविद ट्रय भक्षण, मियाकथन पोर जना प्रभृति ४ पौषध, दया। ५ दर्भ, कुश। (वि.) ६ दो - सुरापान के ममान पजनक है। युक, दीर्घायु, बहुत दिनोंतक वचनेवाला । ७ ग, "निपिदमाग बथमुन्कर्पश्च वचोऽनृतम् ।।" दुबला । जैवि (म०वि० ) जोवस्यादूर देगादि, सुतइमादित्वात् । रजखळामुसाबादः मुरापानममानि तु ॥" ( याज्ञवलर) 'चतुरजि। जोवका पदूर देगादि। मे (म. वि. ) जिद्वा मम्बन्धी, जो जोममें स्थित हो। येय (म पु० स्तो. जोवस्य गुरोरपत्य' शमादित्वात् | हा (सं० लो०) निशा सम्बन्धीय। ___"औपस्यजेदबहु मन्यमानः" । (माग. ६ ) ठक् । १ वृहस्पतिके पुत्र कच। जीवाया मौर्या इद स्त्रीत्वात ठक् । (वि.)२ ज्या सम्बन्धी। जोक (हिं० स्त्रो०) १ एक प्रमिद कोड़ा, जो पानोमें रहता अभाव (म. वि०) विणु सम्बन्धो, अजनसम्बन्धी । और जोवों के शरीर पर चिपक कर उनका रह चमत! -युत प्रदेशस्य रायबरेली जिलेको सरलीन तहमोलका है। इसके मस्कृत पर्याय-जलोका, रसापा, जनोकम, शहर। यह पक्षा. २६.१६ उ. और देगा. ८५.२३ । जन्न का, जलीका, जनोरगी, जलायुका. जलिका, जना. पू० में प्रवध रुहेलखण्ड रेलवे पर पड़ता है। लखनऊमे | सका, अन्नजन्तुका, जलानोका, जलीकमी, रहपायिनी. सुलतानपुर जानवालो रास्ता यही हो करके निकली। रतसन्दसिका, तीक्षा, वमनी, जनजीवनी, याता, है। लोकसंख्या प्रायः १२६८८ है। वैधनी, जलमर्पियो, जलसूची, बलाटनी, जनाका, जन. .: कहीं है. यह प्रक्षत रुपमे उदयनगर वा उजालेका पटामिका, जलिका, जनालुका, पम्प मारणी. पटालुका, नगरानामक भार टुर्ग था। मैयद मलारने उम पर वेणोवेधनी पौर जनालिका । मुन्वतके मामे, मन ही पाक्रमण किया और यह नाम रख दिया। जुम्मा जिनको पायु है अथवा अनही जिनका वामस्थान है, मसजिदकी इमारत बहुत बड़ी है। किसी हिन्दू मन्दि उनको जम्लोका या जीक कहते है . . रके ममालेमे वह बनी थी। इसकी दूसरी मनोहर सुयुतके मतमे -जोंक धारह प्रकारको होतो: प्रहालिकाएं खोय १७ वीं और १८ वो शताब्दीम | जिनमें कृष्णा, प्रस्तगटी, इन्द्रायुधा, गोचन्दमा, कर्षण निर्मित हुई। यहां पद्मावती काय प्रणेता मुहम्मद घोर मामुद्रिक ये छ प्रकार तो विपयुक्त नया कपिता, । जमीन जन्म लिया था। प्रायः १६वीं शताब्दीम यह | पिझाला, गामाखी, भूपिका, पुप्रीकमुखो और माव- जीवित छ । पहले यहां बहुत अच्छी मन्तमन तयार | रिका ये छ प्रशार विपरहित ६ । रुणा म्यार होती थी। . . | काली होती है और इसकी गिरायें मोटो होती है।