पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४९४

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जैनधर्म ५४५ प्रभामिनिमम ही पोर ममुद्रोंका वल्प, यहा। हममें महताब ना पदार्थ, परमादोर सुनय,दुर्गयोका भवनयामो, ज्योतिक पोर यामार दयों ने पायामों सया | वन है। पीयांनुवादपूर्व र पोर ७० मार

  • जिममन्दिरीका वर्णन है। इसके बावन मापती पद। हमने पासपोय, परवीय', उभयवाय', देख

.जार पद वा भेद याप्याममि : इममें गोव, वोय. कामयो', माययोय, तोवीय पोर दिय पादि पीय पदायाँक प्रमाणों का वणन है। रमक धोरामी माहितया मरेस्ट. साधर, इनदेय पादि पतिपय परा. . मात्र तोमरसार पद १ । १२ पाका दुमरा भेद क्रमो बड़े बड़े मत्पमपाक दोय, माभ, मम्पति पादि. ग्य है. जिमम मियादर्शन (विपरीत मान या मौत का वन । पम्तिमास्तिप्रपादपूर्व में 4 • प्रयोत मावों में मन्दे ) मम्वन्धो ३९३ कुपादोका-1 पोर माठ नाष पद है। मग सदगा पादि पत्त्यको वर्णन है। पर्यात जीव मप्रकागक हो है, परप्रकाश पपेवा प्रोवादि पदार्थ पम्तिम्बर ९ पौर परद्रपा हो, प्रतिरूप हो . मास्ति वारूप को है इत्यादि पादिको पपेचा नामित्ररूप, रस्वादि । 'एकानाके पक्षपातको दूर कर यथायं स्वल्पका यम | ५ जानप्रवादपूर्व में १२ वश पोर एक कम एक करोड़ है। ध्यये पगे भेद ५। उनमें प्रथम मैदमें बन्धक पद २ ममें मति, नृत, पमधि, मनापर्यय चौर वन भमायका व दूसरे में अति (केयनन्नानोको दियरन पांच पांच मानाका तथा कुमति कुवत पोर विभा धनि), मति (गणधरीको वाणी) पौर पुगण (पाचाil (कुपवधि) पप, विषय, मप्या फम पादिका मन के पचम) के पर्य का प्रतिगदन है, सोमरमें नियतिकी है। रटे म यमपादपूर्णको पदमाया ........... पर्या, सवा चोधेमे बहुतमे भेदों के लिए सममय पोर पोर यसमवा १२ । मर्म बार प्रकार पपना. परममयोका विवरण है। (भर्षप्रकाEि ) रसझे पगमो नया दम प्रकार मय का पयवा वनमाल पोर सम मा पद।। १२३ पनका तोमरा भेद प्रयमानुयोग संस्कारोंम कारबाट प्रकार भाषा तथा पाके मद. म चतुर्विगति तोहर, दादा चक्रवती'. मर पमत्य भेट पोर टग प्रकार गाय के प्रापप का वर्णन नारायण, भव प्रतिमारायच पोर मव बलभद म मठ | । पाममयादपूर्व को यमुमपा ११ पोर पद. गसाकापुरुपोका गर्दन है। रमजे ५.०० पद। मत्या २६.........म पामा सम,बस्त, . रम दृष्टिवादा का चौथा भेद है पूर्वगन । म भोवत्व, निम्यत्य पोर पनि-यय पादिका नया धन भी उत्पाद पादि चोदा मेटजोनीदरपूर्वक माममे | भेद प्रभेदोका दुटिपूर्वक मनिपार वनर। प्रमि । प्रथम सत्पादपूर्व में दग या + पोर एक दै कम प्रपादपूर्वको पदमस्या १,८०...... क्षर पट मम जीय, पुरस, काम पादियों पोर वरामस्या २०१। ममें शामापाप पाटि पार उत्पाद प्यय पोर धीय मभावोका विस्तारसे वर्णन कमाको मनमहान, उत्तरराति पोर रोमति शे पपाय पूर्वम १४ वरा पोरसमाप पद। म. महित दम, माता, उदय, मीरा, हापंग, प. रविशेष मेरे मम भेद कपप, मंत्रमय, उपगम. निति. निकापित पाटि १.पा- 40 मा .मानारी मौर . प्रसारक परन, पा- मर , बाप .प्रसार, मnिtert, मारपन, परनमान, ५ए. माम भार और रिनपा ११ प्रहार च र, भागाकान, नापाम, . ( पु... , v-R) मितिम बरिन, मौरस रिपाको । चौरास ias पराग, anta, Yr, मथुरा 1-1माप । भार,rt, , , रसायन , मापER . • HAR, भतरवार ! 1 A . Reer, Imran . Vol. III. 112