पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४५९

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४१४ जेन्या- सवदार ममिको सेवा कामा पिता पूर्व वा उतादिया जोतनेयाना। ३ उत्पा, पदाकिये जाने के ला विगत शिकारिगिट प्रमान भूमिभाग ग्राम ३ सय, जीतने योग्य, ये शान शामि। करना सही पोर यः भूमाग नटी, दोर्षिका पायावर (सं.वि.) प्रिम पाप यया धनी पुफरिणो पाटि नाग दक्षिण या पधिमपान (पु.२ इन्द्र, पग्नि पोर गमिन्युगनका मामा पायित तया ममान भागमे विमला होना चाहिये। जेनिन (न.पु. ) अमंगोगे हाट जिन माRE HEL. यह म्यान नटो पादिगेलाय दूर भो, धमके दसम का पाविरसत त पहागाई HARI RE पूर्वहारी पथवा उत्तर दारो एक घर बनयायें। 30 करका भाग मिगार के पाशारकानायोमराकोमा पोर घरको उगता र विस्तार १५ हाय हो नया उमझे भीतर म सानोनि गेममे भरोएई पर हो धड़ो यनिन । प्रा और एक नाग विस्त म उमेधसम्पन पोर एक होती है। माटमोरे ने पोर ताप सपने मी माय ठग वेदो बनाये । वीमने ४ साय प्रगम्न पोर ७ मम्मोगर चौपटेंमें नोचेकी पोर. एक पाटो सन्द्रामा काय पाकन्द (पायरोटो बनानेको भहो मे चुम्ही), कतै हुए लगे रही हैं। जिन प्रकार पाकामा घगाये, उममें फुल ऐद कर दें और उसकी एक टकनो, उनमेर अप्रिनका पाकार मयसे पड़ा होना विमान को । भो धना में। पौशि उमघल्लो पटिर या पीपरको जेब ( फा.पु.) १ छोटो येसो या पतीनो पार्न मकड़ी अनायें। जप उमटका मध्यभाग पदयोग्य कपड़ा यगल या मामने ही पोर नगी रातो , गोमा. उष्णतागे परिपूर्ण हो जाय, तर रोगी गोरगे यातन सतोता, पाट! २ मोन्दर्य, शोभा, फवना सम्त या एप्त नगा कर गया उमकी देहको यसमे टक जब उन्:निगा येगम-यादगा पासमगीरकी कया। कर उमे नम घरमें ले जाय। घरमें घुमरो ममय शेगोको १.४८ हिमरामे, सारोव १. मयामको (५ फरवरी मायधान करके कह देना चाहिये कि-"प्रारोग्यता १६८ को) सनका लगा पाया। ये पक्षी पार निए म घरमें घुम रहे हो, शत मायधानी मे उम फारमो भाषाम विशय । तमाम कुरान उनको कारण (पूर्यो) विडिका पर घट कर एया सरफ या तुम्हें था। हनि जेध-उम समोर गाम रामशी एस . मे अच्छा न म तरह मो ज्ञापो। मारधान रहना! | टोका मिली थी। मोमासर यम ही महापौर कहीं पत्यना पमेय या मूमे घयड़ा कर म ध्यागको माफ थे। ये पकी कविताएं बनाती थी, फारम जोड़ न देना । यदि छोड़ दोगे तो उमो ममय बदमूली इन्होंने एक सयान (काव्य) बनाया ये घिरमा प्रत पोकर समो ममय प्राण गमा दोगे। पतपय किमी थी। १११३ जिरा (१००२) मी गायहाई। भी तरमको त्यागना नहीं।" म प्रकार पर दिखी कायम दरयानि वाम रनको कम पनी । मायधान कर देना चाहिये । म तर रोगो बेगमें गमनाना मोका दायात्रा व ममय की । प्रवेश कर मर ममुदय सोमगिमार मांकामा को तुड़वा दी गई। वन निगा यम ममफो मामी . शाय पोर उसके फेदकारी ममम्त दोष नियम लाय तथा ममिडपी., . गोर जय हनका, शून्य पोर येटनारक्षित मानगो , रफट (फा..पु०) गिरकर, जयकतरा। उR ममय विगितकामे निकाल हर उमे हार पर माना | PARTIERपु.) र गो माहिये। इसके बाद पति-विध या लिए-अवम (भा.पु. ) धन को शिमोगा जिप गोसन अम शासमा चाहिये। म साहोगीजी काति निये मिला तो पोर निमकामा मेनवाहिक) . मिद लाने पर चमको गाम अपाग कराकर यो अधिकारी । पित पाहार देना चाहिये। तर मोना निझामचो (रिमो.) में गो नि छोटो जो .. का मा SITE HTTATRE ) । पाप। • FROIR ननदि मार. १ | १ अपाय, चदार (मा.वि.) गोमागम, गुन्दर। .