पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/४२७

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व्याज ३८२ शिया । उन कुमारिया के गर्भ पोर दयौर पौरममे | मिया पोर मव जानवरोका माम गातार जयाहौशी उम्पति । गोनामिका ग्राम इनका प्रधान परा पूरी, सन्दर, गेर, भान्न, मैश पोर मचादि भी सामन्यान, या बहुत अमान रहते हैं। उनके पाय है। जगनम तरह तरहको मतियां .. ये छोटी होटी झोपड़ियौम रहते हैं। यह झोपड़ी दा होतो, उनमेमे ये घड़ी मामानी है माय mea. माधारणत: ८ फुट नयी पीर । फुट चोरी होती है। | फर पोर पुष्टि कर पाय निशान से विकास पनि मम भी रमाई घर पोर. गयनगृह म तरपदी विभाग | कर गुम्भ पादिभ्रममे भी नहीं पाते । म गिकारको सोरी। मामी म भोर कशा के माय गयन निपुणता पापर्यजनक किमी गिधार माग ने गरम मोता और ग्राम के मस पाना हो। पर, कई घण्टं पीछे भो सुपे पो पर प नि फर एक दूमीनी घरम मोते है जो ग्राम के एक तरफ देगकर वहां जा मकते हैं। के सोरा मन्धान होगा। मी घरका एक अंग अभ्यागतादिके लिए पथ है। 20 गज दूर के एक छोटे मयको भी ये मिटिंट। भेद मकते हैं। दड़ते हुए खरगोम पोर उहत ए ___परतीका कहना है कि, जुयाद्री भमान जगलो | पनीको मारना न मिए मामूमी यात है। पोर पमभ्य भाति भारतवर्ष में दूमरी नहीं है। थोड़े. यनाए हुए वांमके धनुप इतने मेज होते हैं कि, प्रमिक दिन पहले ये मोटि किमी भी धाराका व्ययहार करमा तीर अगली हिरण या शूकरको भेद कर पार निकम गरी मामले में पोर तीमारीम पियाम न करके | जाता है। शिकारमें इतने पटु होने पर भी ये वर्ड गिकारमे प्राम माम पोर मनायामनन्य यन्य फलमूनपा मापदके पास मझी जाते तया प्यायमेत उरी। कर जीयम धारण करते थे। ये पत्थर के हथियार काममें | इनका खाद्य देखने में पत्यन्त निकट माल मोता है, माते थे। पम भी उनकी याभूमि उन पकि नमूने पर ये बड़े टपुष्ट होते है। st. sनको मिशंभोग मिली है। कुछ भी हो, फिलहान पारेजी राज्यमें और दुर्भन प्रयास। ये तोब शराब पीना पूर वगंद म मोगनि नोहे पादिफा प्ययभार करना मीप लिया | करते हैं, ये बामदनीका अधिकांग गरायपोरीगो दें। पोर तीवारीम भी मग नगाया । हैं। ये कोनीकी तरह चायन या मधुपामे गराध मनाना . ममें कोई भी मोहा बनाना या किमो सरहका | महीं मानते, रसलिए इन्हें गाय गरोदनी पड़ती है। मिट्टीका वन माना नहीं जानते पोर न पड़ा। जुमानजातिक पुरुप पार्न यसै पम्यान्य पना. मुनमानी मानते हैं। जातियों की भांतिन गोटो पानसे १० पर गेमिका एक पाममें नहीं रहते, प्रायः प्रेतीमारी | तक इनको नियां कमर मामने पोर पर सिर्फ ममय पपनी पपनी जमीनके पाम जा कर रहते हैं। पत्ती एच्छ मटका फर मना निवारण करती थी। रमझी लपि पप्ति परियापौर ममाम है। वर्षाधिक वस्फमरनमें गंयो मिहोकी गुहियाको मानाने ममय पन्य फनम्नादि पर निर्भर है। सपिनम्म गम्य) २३. फेर मपेट कर उन पलों को बाध निया काती (पमान) यहुत पोड़े दिन चमता । काम उसटन | पी।मोरे अनुसार इसका नाम पापा ( पर्यातपत करते हैं कि, यातयों की पयरया विशेष मुरी नहीं। पागनेवालो जाति) पड़ गया। य म । बटमे च्यादा गराब पीने के कारण ही इनकी एमो. नका होगे कारण नापरी ममय महकमें पर दुर्गनि कमी। ये मोगमा मानवी ने उमर म्यानमट हो जाता हिममे दर्शकों की मान जुमा मानानमार कर देने मोहोरमती दिन न मिति को पोरगामि मिशमने पर उई माघ हिम चिपूर्ण होने पर भी गांद मोग ग ना कर शिकारीको निकाम मही गमा। नाम समय पुस्प होना site रापानापार ये गोमा | २९ पोर निनोन नाम Rt .