पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/३६१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३२० जिवालेटर दुई है। तारोकने ०१५ . में ऐन्दुनिमिया पर पाक्रमय । 'अन्यान्य नातिमे विवाह सम्बन्ध नहीं करते समय किया था। सुसाई मासके पन्तमें उन्होंने गोथिक गति, भाषसे रहते हैं। यहां के लोग स्पेमको अपनी भाषा . नट कर दी और उम स्थान पर अधिकार कर अफ़रोका, व्यवहार करते है तथा काम-काज के लिए परेको भाषा- के माय मम्बन्ध स्थापित करने के लिए एक दुर्ग निर्माण मे भो काम लेते हैं। किया। यह दुर्ग ०४२ ई.म यन कर तैयार हूंपा था। जिवास्लटरका दूसरा नाम 'झाउनलोनि' भी है। अब भी वह मूर दुर्ग के नाम प्रमिह है। ब्रिटिश मम्बाद एक गामनकर्ता द्वारा यहाका गामन जिमालटरका पर्वत मोल लम्बा है । पराने स्पेनके कार्य चलाते हैं। स्वायत्तगामन का यह जिम भी नतो . प्रधान भूम्यागके माय जिवालटरको जोड़ा है। है। यहां के अधिकांश लोग रोमन योथनिक धर्मको यहांको प्राय या बहुत अच्छो है-न तो जाडोम | मानते हैं। भाड़ा ही ज्यादा पड़ता है और न गरमियोंम गरमो। इतिहास -प्रोक और रोमन भोगोलिकगप जिवालटरको . सून, जुलाई और अगस्त इन तोन महीनों में बिनकुन्न 'काम्प' वा 'प्रालियि' लिखते हैं । ११ में सारीने वर्या नहीं होती। सितम्बर मासमें (शरत् ऋतुके यहाका पर्वत घधिकार कर एक किला बनवा दिया था। प्रारम्भमें ) खुन वर्षा होती है। यही वर्षात पानोको १३०८ ई.में ४र्य फार्डिनण्ड के एक कर्मचारोने दम पर जमीन के नीचे होनमें इकट्ठा करते और उमीको वर्ष भर कमा कर लिया ! फार्डिनगइने इसे पायाद करने के लिए .. पीते हैं। माधारपना वर्ष में यहां ३४४ ९श्व पानो, यहाँ चोर पोर घातक बसा दिये । साथ हो यह घोषित का धरमता है। दिया कि यहाँसे अधिवासियोको याणिज्य मम्बन्धी धाम फिलहाल जिवालटरमें जो शहर है, वह अपेक्षाकृत | दनो और रफ़नोका महसूल माफ कर दिया गया। १३१५.' भाधुनिक है। १७७८ मे १७८३ ई. तक जिवालटरमें | २०में रमाइल पेन फिरोल में दम पर पाममप किया, जो भीषण अवरोध हुपा था, उम ममय सभी पुरानो किन्तु घे सतकार्य न हो सके। इसके बाद १३९३ में इमारत तोड़ दी गई थीं। यहाकी सड़के बहुत कम | भास्को पेरेज डो मेराको याध्य हो कर उसे धर्य महम्मद घोड़ी हैं, प्रायः सर्वत्र यांकड़ निकल पड़े हैं और घंधेरा को देना पड़ा। १४६३ ई में फिर यह ईमाई राशाई रहता है। हाथमें गया । मदीना सिदोनिया डिठकको भय हमरी यहां 'फ्रानसिस्का सम्प्रदाय एक महारामकाबगाय हारा जिब्रालटरका दावन मिला था, जो उनके पोदो दर शेप पड़ा है, उसीके ऊपर एक छोटा मामाद बनाया गया। पीढ़ी तक चला था। १४७८ में स्पेमके फामिड है, जिसमें यहाँके शासनकर्ता रहते हैं। यहां पगारेजीका | और ईमावेलान डिठकको 'मकुम' की उपाधि दो। एक उपामनागार है. किन्तु उसमें गिल्प नेपुण्य नहीं है। १४८२ ई.में उन्होंने उम जमान नामक ३य डिको हा, यहाँका ग्रन्यागार खूब घड़ा है और उपमें पच्छ पच्छा न होने पर भी रहने दिया। १५४.१. पन। पच्छे अन्य मिलते हैं । "दैफलगर'के प्रसिह युद्धमें जियस के पधियासो जियारतटरको पुनः मुसलमानों के जिन माण विसर्जन किये थे, उनमें मे यहुतोंकी यहां अधिकार में लाने को कोथिग करने लगे। किन्तु रिकाम- ममाधि विधमान है। टरके अधिवासियोंने उन्हें यथेष्ट थाधा दी थी। इसके जिवातटरके पधिवामिगण महर जातोय है। वाद स्पेनके राजापौने दुर्ग पादिमे जिनामटरको रक्षा : पारनों के पधिकार करने बाद मोन के प्रायः सभी को। 'पोपनिवेथिक मन रो-को' नामक स्थानमें चले गये थे। १०.४९०में जब स्पेनके उत्तराधिकारोडे विषयमै । 'स्थानीय पधियामियों में अधिकांग लोगों की उत्पत्ति विवाद हुपा, तव मिटिग पोर पोनन्दाज महिने मित तमो-वंगसे है। तोम चार हजार यादो और फर जिवालटरको अपने कमे में कर लिया। पनन्तर । माराके सोग भी यहां रपते । यादो मोग | २१ .स्पेनने समा रम पर पाम या