पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२८६

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मापो-जाफ़रवेग (पासफ खान्) इन लोगों की कृषिविषयक गिक्षा इतनी उक्त है | परिचय मिलता है। १७५० में अंग्रेजोंने कि जापागर्क माली पुराने पेड़ों को एक अगहमे उग्वाड़ | पलागोके युइम मिराजवहीनाको पराजित कर इनको कर इमरी अगदरीप सकते हैं। पहले पहन ये एक दल | वडान, विहार और उहियाका नमाम घनाया था। यूरोपीय शिक्षकों को भाड़े पर लाये थे ; पीछे इन्होंने १०० ई.में राजकार्य में लापरवाहो को जाने के कारण सब काम अपने हाथ ले कर उन्हें विदा कर दिया। अंग्रेनि हनको हनि देकर पदच्य त कर दिया पोर एमियाके अन्दर एकमात्र जापानमें ही यूरोपके स्वाभा- इनके दामाद मोरकाशमलोपांकी यानका मवाव विक चलन धर्म का अस्तित्व है और इसीलिए उमने | बना दिया गौरकागिमन बङ्गालमें ग्रेजोको भगाने. इतनी जल्दी अपनी समाधारण उवति कर ली। किन्तु के लिए उद्योग किया, किन्तु १०३. ई. में ये भी उगा. टुदेव दुर्दमनीय है, एक भूकम्पने ही उसे पछाड़ दिया। नानाके युद्ध में पराजित पौर पदत्य त हुए। इसके बाद परना इममे क्या ? जापान परियमगीन है, कर्मवीर है: जाफरपलोपा ( मीरजाफर) फिरमे नवाब हुए। १०१५ यह शीघ्र ही अपनो क्षतिपूर्ति कर लेगा। में ५ फरवरीको एनको मृत्य हुई। मुर्शिदाबादम मापो (म वि०) जप गीलायें णिनि । जपकारक, जप) इनको कान है। मीरजाफर देखो। करनेवाला। नाफर खा-इनका पमनी नाम मुर्गिदतिया था। माप्य (मप्रि०) जप-पत्। अपयोग्य ।। ये एक यात्रा के पुत्र थे। बचपन में एक मुमतमानने नाफत प. स्त्री०) भोज, दावत । इनका पालनपोषण किया था और यहीं सरिये रही. जाफनापत्तन-सिंहलदीपके उत्तरांशका एक नगर । यह में शिक्षा पाई घी । माया पानमगीरने १००४ में समुद्रकूतसे पुछ दूरी पर खाड़ी के किनारे पक्षा०८ पनको बनातका गासनकर्ता बनाया। मौन अपने २६.७० पोर देशा० ७८५ पू०में पवस्थित है। हम मामक अनुसार बहालकी राजधानी मुनिंदाबाद मगर खाडीमे वाणिज्य-पोत नगर तक पहुंचते हैं। यहां एक को स्थापना की। १७२.६ में इनकी माय । दुर्ग, जिमयी पाकार पचकोप है। इसके पारी पोर मदिति सा देसी। गहरी खाई और बहुत दूर तक टास्न पत्या विछे हैं। जाफरगन-विपुरा मिलेका गोमतोनीरस्य एक मार इस दर्गमे करीद पाध मोल पूर्व में प्रेज, फरामोमो, और व्ययमायका स्थान । एक मतविगिट राजवm पोलन्दाज, सिहली आदि नाना आतीय पोर नामा | यह पहर १२ मील दूरस्थ कुमिमा नगरसे गयुक्त किया धर्मावलम्बियोका याम । इम जगह को पायहया गया है। परत उमदा है और खान-पोमेको चीजे भो यहां मम्ती माफरपीर-एक कपि । इनकी कविताका एक नमूना मिसतौरसलिए वसमे पोलन्दाज यह पा कर दिया जाता है- रहते हैं। यहां पती बारीकी पच्छी उति हो रहो "यतलीय कायसाय मला मायमापदलो। । तम्बाकूको उपज भी पच्छी है। इसके सिवा यहां- असार मुदी बापु कुमारपी। मेलाल पौर माकी रानी भी है। साफना पाम यो मन र विदेशीया पिरम" ममुद्राममें यदुतमे कोटे छोटे होप है। बोलन्दाजोग | साफरग (पामफ पान)-बादगार कपरकी ममार सम्पर्क नगरीके नामानुसार सोपों का नाम रस्ता एक मभामद पीर कपि । म चपा पमी पामर जैम-गर, मीटन, पाम, पामटाईम इत्यादि। रनको बादशाह के पाम से पाय थे। पकवरने र २. म प्रदेशमें मिहमके समस्त प्रदियों को पपेपालनसंख्या मैनिकी सपर जमादार बना दिया । दिन बाद ये पधिक है। बहुत पहले मास्यों ने यह गिर्जाघर धन उपयोग्य पदमे पमन्तर कर पदायाम पूर्वक याये थे, जिनके बगइहर पर भी मोजद है। पटानकी तरफ पम दिये । यह नये गानक मुमा. जाफरपसीवानका माधारणत: मौराफर के नामसे फराई माय रहने सगे। घोई दिममा हाममें • Vol. Vill. 61