पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२८५

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२१२ वापान दो पार हो माध्यमिक विधामा ! पोर लपि-फाले। म मिया भागार प्रपिट रोनि योग्य ममम जाते हैं। प्रतिवर्ष गाय. 'मायोग में एक परिचाय Isstatem. मिक विद्यालय में प्रवेश की मण्या पधिक होने विद्यालय मिला दीकिपी पोर भी होम कारण उनमें पोशाग निर्दिष्ट मप्यक हाव पुन! विश्वविद्यालय र । एका नाम 'यो' पोर मो. निये जाने। माध्यमिक विद्यालयमै नीति, जापानी 'पोयामेटा'। क्यो' विनियामय १५५ afer पोर पोना भाषा, ग्रेजी-रतिहास, भूगोल, गति, एभा था। इसके प्रतिमाता 'YA HIयI RIR दुर मालत विशान, पदायिज्ञान, रमायम, देश-शामन गादी'ने महमे पहले जापानमें पायाय मितार प्रमानो पोर राष्ट्रनीति, पिवफमा, मोटा प्यायाम और संवादपों का प्रवर्तन किया था। मिम ममय शाम फोनो कवायद मिलाई जाती है। जापानी और चीमा अन्तप्रिय चमरा या, उमममय न विद्यामा माया मिए प्रितना ममय दिया भाता है, उसमा को प्रतिष्ठायो । तिम समय लापानमें भोपप प्रमादि। ममय जोगिता के लिए भी व्ययित होता है। प्रबके कारण पन्यान्य ममी विद्यालय बन्द हो गये. माध्यमिक विद्यालय को शिक्षा ममान कर ये छान ! मम ममय भी इनका विधामय पपमा कार्य जाता फिर उस विद्यालय प्रविष्ट होते। सममें भी पगेता रहा है। इसमें मदद नहीं कि उनका पुलार प्रम से कर मिद्यार्थियों को भरती किया जाता है। उस मीय पौर पमुफरगोय। विद्यालय हातको विश्वविद्यालय में प्रयिटके उपयुक्त ममय लापान मूक पोर पन्धों के २५ विधामय है। वमा देवाइमकी गिधा मीन भागोम विमल है। जो जिनमें मिर्फ एक मरकारी। विग्नयिद्यामय कान न या साहित्य पध्ययन करेंगे। सड़की को सिर्फभापा मिपाने के लिए एमाशा उमके लिए प्रथम विभाग. मी पोषध प्रगुतप्रणालो । विद्यालयको स्थापना हुई। माधारणतः समरे पिया निनियरियिमान वा सपिविषा पध्ययन करेंगे. उमर यावमाणे ही कर विदेग जाया करते ५ । म निय लिए दितीय विभाग पोर जो चिकित्सामा अध्ययन | लिखित देगों को माया मिपाई जाती है. अंगे.' करेंगे, उनके लिए सोय विभाग । प्रथम विभाग | उ. २ जानी. ३ मामा, ४ मी. ५ मिया, नीति, प्रचाका नाणमो पोर पोना माहिन्य, पोरमेन, ० चीन पोर. ८ कोरिया। फिलहान म अमनो और फरामोमी इनमें से कोई भी एक महिरयनामिन और हिन्दी भाषाची भी गिता दो भाग माय चोर मनोविमान, फान मका ममतव, मिताचार मगी। पौर म्यायामको गिता दी जाती है। ____ आपान प्राय: माढ़े तीन तार गिमिपामा । __पालिका विद्यालयों में विद्याभ्यामा ममय : : । जापानियोंकी शाम गिन्योकी भाति : प. मिटवानिशाको जापानी पोर जो भापा, ममप जगत मो गिप्प-वाएं AA दस है। समिधाम, भूगोल, गपिन, पारा, अहिद पोर पापियों का! रममिए उमा देशर्म गिनश्चिामीकी मंशा १५. TIA, विमा, गरम्योका काम, मोना-मोना कोर पापकी बात नहीं । म पिपान पोत और व्यायाम मिपाया जाता है। चीना मिशीगे बरतन पनागा, कांच बगामा, पड़ा अपामो दो जीय विविधामय - सुनना, मिन रमापन पोर रनिनियरिद पाद मामा ' हमें बोर मराहियोटो' में। किरों- ERSinविधा मिपारी विधालय १.१ याद fratोपियमान मापा हामि एश विसपना या पाई : को प्रतिमा यो। बिचाई मापक पियामय हो कोमिनियामीन व सामंत्र पायनियमविया माप साईम. fram. चिनियति मारिस, विधान | समास जार मा ।