पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/२८४

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बापान एक दी गयी और B मोरे 'डाफ-पेपट म नय्य जापानको गिधा प्रामो पमेरिका पाद छोटा 'वट' पहनते हैं तथा शियां लंगो पहना करती पर मंगठित हुई है। माधारण विद्यालयों को प्रतिमा है। भीतरको म पोशाकके ऊपर घरवत "किमानो' कर उनके हारा गिधामधारका उपाय मवमे वाले डा. पहना जाता है, जो अंगरया सरीखा होता है। इसमें भिड मार मामक एक मिरिकन सजनमें पाविरत बटन नहीं होते। दोनों पक्षो को मम्हाल कर अपरमे किया था। ये १८७५ मे १८८०१ तक जापानके कमर पर कपड़े की पट्टी बांध कर कम लिया जाता है। शिक्षा मन्त्री के परामगंदाता थे ! इस पहोको जापानो माया 'पी' कहते हैं। पुरुषों यह दासक वा बालिकापोंको उमज पर्व को 'प्रमो' लम्बाई चोड़ाई में चहर जेमो होतो है, को हो जातो है, सब उन्हें मनोर भेजा जाता है: किन्तु नियों को 'धो लम्बाई में पाठ दय हाय लम्बी उममे पहले ३ घाडी, गिधा पाते रहते हैं। माता होने पर भी चोड़ाई में प्राध हायमे ज्यादा नहीं होती।। उन बचों को शिक्षामामिम यपेष्ट महायता पहुंचाती है। चियों को 'अयी बेशकीमती और देखने में खूबसूरत उनको चो चलाना सिखाया जाता है और मशीन होसो है। स्तियां रमे दो तीन फेरा कमरमे लपेट कर सारा शहर एवं पूर्थियोको साधारण भूगोल पढ़ाई जाती वाशीका हिसा पोछकी तरफ लटकाते है। है। झापामो सड़कोको बेटगे चीना पधर मीखने के ___कार्तिकरी चैव तक मास जापानमें गोत मा लिए बहुत समय नर करना पड़ता । धोन रहती है। इन दिनों यहांक मोग रुदार पोशाक पतरों को कोई तादाद नहीं कि वे कितने हैं। जिसे पहनते हैं। जितने पधिक पक्षरों का मान , वह छतमाही पधिक ___ जापानी स्त्रियां नाचते ममय मिर्फ जमीन पर विद्वान् ममझा जाता है। माधारणत: पायेक जापानोको दुपातीधर उधर घमा करती हैं: पैरोंकी पायाज तोन चार हजार पचर मीखने पड़ते हैं। म भापार्ने सुनाई नहीं पड़ती। नाचते यात ये तरह तरहको गक | एक एक पदक लिए एक एक पचर प्यरत होता है। वनाती है। कभी प्रजापतिकी तरह पन्नु फेलातो है | अमे-'घोड़ा' के लिए एक पधर, 'गाप' के लिए एक और कभी भाषम एक दूसरेका हाथ पकड़ कर परका असर, इत्यादि। पाझार बना लेती हैं। तात्पर्य यह है कि रमका नाच मरकारको सरफमे हर एकको प्राथमिक गिधा दो पड़ा विचित्र पोर मनोमुग्धकर पीता है। नाच होते जातो है। प्रत्यन्त दरिद्र होने पर प्राथमि मिचामे समय कुछ युपनियां 'मामिमेन' पौर उमद द्वारा कन! पश्चित नहीं रह सकता । प्राथमिक विद्यालय दो ये पो. मार्ट (ऐक्यतान) जाती है। नाचको पोगाक इतनी में विमान १-१ निम प्राथमिक पौर ३ प्रायमिक । भोघी होती कि नाचनेवानी के घर तक नहीं दोखते। निगाथमिश गिधा मे लगा कर १४ वर्ष तक मयेक मीलिए नाचते मम उनकी शोभा रंगोन बादलों की पालक वा थालिकाको प्रहप करनी हो पड़ती है। म तुलना करने लगती है। गिधाममा कनिमें कममे कम ४ वर्ष मुगत। जागनको शिक्षा-पति-'मेरमो (१५ )के पहले माथमिक गिधाके लिए पोर मी ३ वर्ष ममयको जापान विद्यापर्चा त कम यो। युवकगार विधा- अपरम पड़ती है। माधारणतः नि प्राथमिक विद्या. पर्चाको अपेक्षा पस्तवर्धाका पधिक पादर करते हैं। मयों में नीति, आपामो भाषा, पाटोगपित पोर प्यायाम. व राज ममासदों की यह धारणा हो कि जिनमें की गिधा दी जातो। सड़कियों को रम पनि गति विद्यमान , उमझे सिप विद्यापर्धा गोमा नहीं मोना विमा भी मिपाया जाता है। सच सामिक 'देसी. विद्याची दुर्वमों का धर्म है। परन्तु इसमे या विद्यालय निहाम, भूगोम और मोनको मिश न ममझममा बारिये किस भमयमा विशालय पधिकतर दौमाती। से नहीं। .. .. निभाने उय मामि विकासदमें कम छम