पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१६९

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नशपुर नगर-नसुखामो भदोमे मोगा निकलता है। इनोमा जो नोहा मिलता पूम पथस्थित है । लोकमया को २८ होगी। है उमको गला करके घाटर भेज दिया जाता है। जानी यह नगर पतिमाचोन है । एक सड़ दुर्ग गुहा है। पंक्षायारमें बाह, टमर, और मौमको रामो होतो है।। विनचियाको मच्छो सो मड़क लगो दुई पिक १८१६.को माधय रायसो भीमनाने यह राज्य / लाभार्य एक विमम्बन्धीय यह पुला है। . पंगोजीको दे डाला था । १२५) रु. मागुजाको कर जमपुर-युम प्रदेगके ने मोशाम जिले की कामोपुरता देना पड़ता है। नोकम म्या १३२११४ है। ५६६ गाय मोलका नगर । यह प्रघा. २८.१० . भोर दिगा। बसे है। कुम वर्ष हुए कोरवायाने विद्रोह करके बड़ा ७८ ५० पू० पपस्थित है। मोशमस्या को ce उत्पात मचाया। छत्तीसगद कमियरक पधीन यह | छोगो। १८५६१ को २०वीं धारासे मका IN राज्य है। याविक माय १२५०००, १० होता है। किया जाता है। स्तिो कपटा बास तयार होता है। १९६ मोल सहक है। मालगुजागे ६००० रु. प्राती | मकर और लकड़ीका भो थोड़ा कारवार । जसवन्तनगर-युप्रदेश के हटाया जिमा पोर नासोसका जगपुर नगर (जगहोगपुर) मधा प्रान्तके जशपुर राज्यको नगर। यह पक्षा. २०५१ उ. पोर देगा..' राजधानो । यह पक्षा. २२°५३ उ० पोर देगा. ८४ पू०में पटगिडयन रेलवे पर पर्यास्थत है। मोकमस्या पू.में पमियत है। लोकमण्या प्राय: १६५४ है। कोई ५४.५ होगो। मनपुरोके कायस्य जमवत राय यहा मोषधालय, जेन पौर रानमामाद पगा। नाम पर हो उसको यह पाया दी गयी है। १८५७ जमकरण मंधी-मनिनायपुराण छन्दोवह नामक न. ०१८ मईको बागियोंने नगरका पपिस मन्दिर अन्यके रचयिता। पधिशार किया था। घोपोर वारया कपड़े को रफ. नमद (म. पु. ) जस्ता नामको धातु | मरता देखो। तमो होतो है। पोतलको नकागोका भो मास गुममा अमदाम-सम्पर प्रान्तको काठियावाड़ पोलिटिकल है। सूत. १०, देय जात द्रय पोर वितातो कपडामो एजन्मो का गन्ध । यह पक्षा. २१५॥ ए३२१० यड़ा कारवार है। . ४. चोर देगा. सया ७१३. पू. मध्य पयः जसवन्तप्तागर-सम्यो मामाको योनापुर पोमिटिकन स्थित है। क्षेत्रफल २८३ यामास पोर लोकमस्या एगेसोका देयो राज्य । प्रायः २५०२०२। सविय गोग म्लामी घठमके नमामि काठो-मालयमदेगको एक मालि। कहा जाता नामामुमार रमका नाम रखा हुपा । नागदी कि, गमक के पक्षम पुत्र जमके पंगधर होग गोरो राजत्व काल को यहां एक मुहद दुर्ग बना । उम/ फारम्प ये जानकाठी नाम प्रमिए। प्रशाद . मामय रमझा माम गोरोगढ़ था। फिर यह मेरडी कि, कुन्ती के पुत्र कर्ण, पोर कोरयों को सहायता गुमामा हे हायमा पोर १५५५. के ममा विका] गोहरणपट काजोतोय काठियोको साये कोया पापाने जम माममे मोस मिया । विजयकर पाएर, को पराजय के बाद ये मानव प्रदेगर्भ रहने मगे । . ममयभात नागरमे उमे पशिकार किया था। पाका जमायर-मघ राके पास परिकी रमेवानो एक रात्र जमदान मानगर के जागने जोता चोर भासजमत्रों के पूतनानि रमझी मन्या पदत कमी विवाहोपमा विजयपूर पावरको मौपा। १८००८ जमुरि (म.पु.) जयते सुचते ते पनेन अम. को विजयाने गोली और बानियाई मराठमि परिन् मि पारिन् । सन् २ १ ।२धित। मभिकी। गार पाहशमा (fa) पश्ययु, दुकमान किया पा, गि परम्परागत साधिकारी राजारोमा । मदान-काठियार प्रानगी धमदान गया धाम मामी (म.पु.) प प से पदो र पर पा२२५. पोर देगा :२... (यतमान-दोपाय) में रहते थे। ये पर दलि