पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष अष्टम भाग.djvu/१२७

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जलगालन-नासरन दिगतिकुटम्मका भोजन और तीसरे दिन वरकन्या-जलो (पडिया) महान नदीया मिलेकी एक म ' को घोड़े पर चढ़ा कर नगरको प्रति कराई जाती यह पक्षा. २४११ मा पोर ८८४५ मेगा किमीको मृत्य होने पर ये चिता पर नको प्रयवा | निकन मदोया जिले में पापोर पोर जि . बई मजा कर उम पर मुर्दे को रखते पोर दाग देते हैं। पगिम ५. मौत तक यहती दुई उमे मुदा इममें यायियाच पोर पुरुषों में घवियार प्रचलित पृथक करती है। नदीया नगर ममोप भङ्गलो . ' पर विधवा-विया प्रचलित नहीं है। इस जातिके रयीमे मिलती है। इन्दी दोनों मिनिममा माR. लोग परस्पर एकसास्त्रमे पावह है। हुगली है। ग्रोमाराम जलदो मूप जाती है। . जनगालन-जनरहस्यीका एक पावश्यक फतव्य- जनघड़ी (दि.०सी०) ममय का शान करनेका पनि मना । फर्म । शुमित मन पन्डित प्रागाधरका जलगा. इसमें एक कटोरा रहता जिम सममें दो मानके विषय में ऐमा मत कि, टुहरे कपड़े है। फटोरा पानीको माद रपा जाता दी मे मा एमा जनही रहस्य के लिए प्रगम्त है। दमे कटोरेन पानी जाता है पीर व एक घटे। एमा पा जन्न भी घार घड़ी वा दो मुमत के बाद इय जाता है। जब कटोरा भर जाता तो हम पोने योग्य नहीं रहता। इसके मिया छोट, मलिन चोर जल निकाल कर जन्नमें फिर रख दिया जाता है और पुरातन यनुमेहाना दुपा पानी भी पमेय्य है। वा पूर्व या उममें पानी भरने लगता है। रम कार (छया) ३६ पालम्लम्मा पोर २४ पंगुन चोड़ा एवं एक घंटे पर यह कटोरा पागोमे भर भाता पोर शिर दुहरा सोना चाहिये । पर्यात पायके मुंहमे यम्त मिगुण हमे पानी निकाल कर पानोको मोदी मोड़ दि Ham पड़ा हो। जैन पाचार प्रन्योम लिहा कि, माधा है। रसः जम्नमें कोट रहते हैं जो दीखते नहीं किन्तु दूरयो जनचत्वर (म.सो. सेन चतरा पल्पना देगा । सतपादियाबी महायतामे दृष्टिगोचर होत राजन यर देगा जिसमें जम्न काम हो। सामनेगे कीट तो पृथक हो जाते है कि अम्तका. जमघर (म.पु.) मने घरति जन नर-को छ । पारी शिक एकेन्द्रिय लोप विद्यमान रहते हैं जिनका कि पाहादि धनजना पानी में पहनेवाले मामा, मा गृहमस्याग नहीं होता। परन्तु मुनि वा माधु माराम | (मिनीय) नन सो पति जसको गरम करगेमे १२, । मगर पादि। जादा जाननेमे २४ घगर्द तक घट सक, जमघरजीय (म.पु.) मेघर: जमा यो । मिफ मपत्र, मरिच, असायचो पादि शासन में पहजम | मस्य जोषी, वह जो मध्मी पाकर जीविका मिle घटे तक प्रामुक रहता है। याय या मागृत करता ।। जमहान मार पाग करते हैं जो विमामा पानी जमपारो (म.प्र.) में साल पर विनित या

  • सापक माया जा सकता। ( i), मनो। (f.)२मधर, शो असम |

अमगुला (म.पू.)जमानमा जनायरा समष्तिर (म.पु.) म समापूर .. पानीका भंपर । ३ कमर, कपा। जनयत्वासमतामोय (म.ए.) जनतासामोय। घर गरम असम पोषकरित गाक, चोराको माग । पोपट मामा ममा (म•g.) १ मी . Hr. ! : मा .. मन मागम मतो गुग; २ मायनिर्णय, एक PARLI Kा मायामा मामी भोपाटीरिकीपट .. Rani..) RITATAमिति यगाया पोर मापा जागा मा . } यो पानीमा दिERArrit