ईरानी | … | १,३९७,७८६ |
आर्य्य | … | २१९,७८०,६५० |
कुल | … | २२१,१७८,४३६ |
इस लेख में उन ईरानियों की गिनती है जो हिन्दुस्तान की हद में रहते हैं। फ़ारिस के ईरानियों से मतलब नहीं है। हिन्दुस्तान की कुल आबादी २९४,३६१,०५६ है। उसमें से ईरानी और आर्य्यों की भाषा बोलनेवालों की संख्या मालूम हो गई। बाक़ी जो लोग बचे वे यूरप और आफ़्रीक़ा आदि की, तथा कितनी ही अनार्य्य, भाषायें बोलते हैं। ईरानी और आर्य्य भाषाओं से यह मतलब नहीं कि इस नाम की कोई पृथक भाषायें हैं। नहीं, इनसे सिर्फ़ इतनाही मतलब है कि जो भाषाएँ २२ करोड़ आदमी इस समय हिन्दुस्तान में बोलते हैं वे पुरानी आर्य्य और ईरानी भाषाओं से उत्पन्न हुई हैं। ये दो शाखायें हैं। इन्हीं से और कितनी ही भाषाओं की उत्पत्ति हुई है।
ख़ोक़न्द और बदख़्शाँ तक सब आर्य्य साथ-साथ रहे। वहाँ से कुछ आर्य्य हिन्दुस्तान की तरफ़ आये और कुछ फ़ारिस की तरफ़ गये। इन फ़ारिस की तरफ़ जानेवालों में से कुछ लोग काश्मीर के उत्तर, पामीर, पहुँचे। ये लोग अब तक ईरानी भाषायें बोलते हैं। जो लोग फ़ारिस की तरफ़ गये थे वे धीरे-धीरे मर्व, फ़ारिस, अफ़ग़ानिस्तान और बिलोचिस्तान में फैल गये। वहाँ इनकी भाषा के दो भेद हो गये। परजिक और मीडिक।