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इस खण्ड की कथा-सुचो
?. समरवल ज्नत्र से सन्धि करे | २. मित्रों का कहना मानो | ३. भविष्य का विचार करो | 2. उपाय के साथ अपाय भी सोचो | ध्ू, नीच न छोड़े नीचता | ६. मुख में राम बगल में छुरी | ७. शेखचिल्ली | ८ सलाह से काम करो। » ६. धृर्तो का चक्कर |
2०. संगति का असर |
7? « जसा रुपया वसा काम |
?२. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए।