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द्वितीय खण्ड सुहृदभेद वर्धमानो महान् स्नेहः मृगेन्द्र वृषयोर्वन पिशुननाति लुब्धेन जम्बुकेन विनाशितः। D . . सिंह और बैल की बढ़ती हुई मित्रता को लोभी और चुगलखोर सियार ने नष्ट कर दिया। . . .