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१० ) संगति का असर मतिर्दोलायते सत्यं सतामपि खलोक्तिभिः . o . सज्जन पुरुषो की भी वुद्धि दुष्टो की छल- भरी वातो में आकर चचल हो जाती है। . ० किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह रहता था। उसके तीन सेवक थे। जिनमे एक कौवा, एक व्याघ्र और एक गीदड़ था । ये सारे वन में घूम-फिरकर अपने राजा को वन का समाचार सुनाया करते थे। यदि कोई नया प्राणी वन में आता तो सबसे पहले ये ही उससे मिलते । एक दिन तीनों वन में घूम रहे थे कि उन्हे एक ऊंट मिला । कौए ने उच्च स्वर में ऊँट से कहा : ऐ ऊँट, तू किस की आज्ञा से इस वन मे फिर रहा है ? ऊंट ने अपना सारा वृत्तान्त उन्हें कह सुनाया । ऊंट की दर्दभरी कहानी सुनकर तीनों को उस पर दया आई और वे उसे सिंह के पास ले गए । तीनों की प्रार्थना पर सिंह ने ऊँट को अभय दिया। उस दिन से ऊँट भी सिंह के सेवकों मे से एक हो गया। f ( १४८ )