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६ मुख में राम बगल में छुरी विषकुम्भं पयोमुसं . . ऐसे मित्र का विश्वास न करे जो मुंह का मीठा और दिल का वुरा हो। . o मालव देश में पद्मगर्भ नाम का एक सरोवर था। एक दिन एक बूढा बगुला उसके तट पर चिन्तित-सा बैठा था। एक केकड़े ने आकर पूछा : महाशय, आज आप अपना भोजन छोड़ कर यहाँ क्यों बैठे हैं। वह बोला : भाई, इस सरोवर की मछलियां ही मेरे जीवन का आधार है । आज जब में शहर में घूम रहा था, तब मैंने सुना कि कुछ धीवर आपस में बातें कर रहे थे और कह रहे थे कि हम कल पद्मगर्भ सरोवर पर जाकर मछलियां पकड़ेंगे। अब मै सोच रहा हूँ कि यदि वे धीवर इन मछलियों को ले जायेंगे तो मै क्या खाऊँगा। बगुले की बात सुनकर मछलियाँ सोचने लगी: इस आपत्ति ( १३६ )