गण शासन-प्रणालीवाले जिन वृष्णियों, कठों, वैशालों और शाक्यों ने देवों, मृत्यु, नृशंसता और जातिबंधनों से सुक्त करनेवाले दर्शनों की घोषणा की थी, उन्हीं की स्मृति को समर्पित।