पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५०७

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

३५२ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास कलकते से प्रकाशित, ‘हिन्दी स्टोरी टैलर’ का नवीन संस्करण इसमें केवल सौ कहानियाँ हैं ; पहले संस्करण की भाँति, उनकी पुनरावृति पहली बार फ़ारसी अक्षरों में, दूसरी बार देवनागरी अक्षरों , तीसरी अंतिम बार लातीनी अक्षरों में, क्षुई है । इन तीनों भागों के १४० पृष्ठ हैं ; भूमिका और टिप्पणियाँ२१४ पृष्ठ । कोई रूपान्तर नहीं है। हिन्दी स्टोरी टैलर, अथवा लिखित और साहित्यिक माध्यम के रूप में में हिन्दुस्तानी में प्रयुक्त सामान्य और संयुक्त रोमन, फारसी और नागरी अक्षरों की मनोरंजक व्याख्या, जे० गिलाइस्ट कृत ।.कलकत्ता, १८०२-१८०३, छठभेजी। डॉक्टर गिलक्राइस्ट द्वारा प्रकाशित ग्रंथों में से यहू ग्रन्थ समसे आधिक उपयोगी है । उसके दो भाग हैं : पहले में १०८ छोटीछोटी कहानियाँ हैं। , दूसरे में, जो अलय है, अधिक लम्बी . कहा- नियाँ हैं । ! ‘हिन्दुई कहाब’ , कलकत्ता, १८३४। ‘हिन्दुस्तानी दि ) इज दि मोस्ट जेनेरली यूसफुल लैंग्वेज इन् इंडिया'- डब्ल्यू० बी० बेली द्वारा हिन्दुस्तानी ( देवनागरी अक्षरों ) में लिखित दावा, और ‘एसेज बाइ दि स्टूडेंट्स व दि काँले आंध -विलियम इन बंगाल१८०२शीर्षक रचना में प्रकाशित । इस दावे का कुछ अंश एस० अर्नट ( S. Arnot ) ने अपने हिन्दुस्तानी व्याकरण में, देवनागरी और फ़ारसी दोनों अक्षरों मेंउद्धृत किया है । ‘हिन्दुस्तानी, बंगाली, फ़ारसी और अरबी में, फोर्ट विलियम मैं कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षा और अभ्यास’, प्रोफेसर