पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३६४

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माधा सह [ २०& माधीन सिंह 'देवी चरित्र सरोज ’—देवी ( दुर्गा ) की कथा का कमल-के रचयिता हैं, पाठ पद्य में और टीका गद्य में, १८६ , मुंशी हरबंस लाल के निरीक्षण में बनारस में मुद्रित हिन्दी रचना ; २७० अठपेजी पृष्ठ, प्रत्येक में २० पंक्तियाँअनेक चित्रों से सुसज्जित । मान उपनाम कबीश्वर’ --कवियों के सिरताज, औरंगजेब के विपक्षीराम राज सिंह के राजत्-काल में रहते थे। उनकी रचनाएँ हैं : ‘रज बिलास3-राजकीय आनंद, हिन्दुई में लिखित ऐति- हासिक रचना, जिससे टॉड ने ‘मेवाड़ के इतिहास' ( ‘ऐनल्स ओॉव मेवाड ) के लिए सामग्री ली | टॉड ने बिना यह बताए कि वे हिन्दुस्तानी में लिखी गई हैं, इस प्रान्त के इतिहास के संबंध में तीन अन्य रचनाओं का उल्लेख किया है ।" उनके नाम ये हैं : १. राज रत्नाकर राजकीय रत्नों की खान, सदाशिव, भाट कृतराम जे सिंह के राजल्वकाल में लिखित रचना : २. 'ऊँ विलास-विजय के आनन्द, राजसिंह के पुत्र, कै १ भा० माधव'- का, कृष्ण का प्क नाम २ भा० ‘आदर, हात’ ( मान ) 3 टॉड, ‘ऐनल्स औॉव राजस्थान, जि० २, ४० २१४, ग़लत से बुलात’ लिखा गया हैं । ४ ‘ऐनल्स ऑव राजस्थान', जिज० २, ४० ७५७ ५ मेरे विचार से, यह वह है जो बिजें बिलास'—वि या ,त के आनन्द है, प्रधानतः वि जै सिंह के राजस्वकाल से संबंधित एक लाख छन्दों का काव्य । फा०-१४