पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३३०

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बाकृत [ १७४ वाकुत ( Bakut ) पोथी वंशावली१ वंशावली की पुस्तकशीर्षक पुस्तक के रचयिता हैं, कर्नल टॉड के संग्रह में कुछ फोलिओ पृष्ठों का हिन्दी में हस्तलिखित ग्रंथ । बापू देव ( श्री पंडित ) शर्मा या शास्त्री, बनारस के संस्कृत कॉलेज में गणित के अध्या पक, निम्नलिखित रचनाओं के रचयिता हैं : १. बीज गणित'अलजवरा के सिद्धान्त हिन्दी में, १८५६. में बंबई से प्रकाशित और १८५१ में बनारस से ( प्रथम भाग रहित ) २. ब्यक्त गणित अभिधानप्रत्यक्ष गणना कोष गणित संबंधी रचना के आगरा१८५६, ६७ अठखेजी पृष्ठ ; ३. त्रिकोणमिति3-सरल ट्रिग्नोमेट्री के सिद्धान्त-चित्रों सहित ६० छोटे चौपेजी पृष्ठ, बनारस, १८५६ । वापू देव का भूगोल से भी बहुत संबन्ध है, और १८५४ में उन्होंने सामान्य भूगोल की रचना की जिसका भारत के भूगोल से सम्बन्धित भाग हाल ही में प्रकाशित हुआ है ।* उसका शीर्षक है ‘भूगोल वर्णन’ । किन्तु इस प्रथम भाग का सम्बन्ध केवल हिन्दु- स्तान से है , मिर्जापुर१८५३, १६२ अठपेजी पृष्ठ " प० स्वरूप

१ कहा जाता हैं यह रचना वास्तव में ‘बाकुताकर’ (BAkutakara ) है, अर्थात बाकृत कृत वल्लभ पर लेख देखिए। २ भा० ‘बपु'शरीर के लिए 3 ए० एस० , रिपोर्ट ऑन इंडिजेनस ऐजूकेशन' (देशी शिक्षा-संबंधी रिपोर्ट); आगरा, १८५४, पृ० ५७ ४ कुंज बिहारी लाल लेख भी देखिए। ' इसी शीर्षक की रचना के उल्लेख के लिए बंसीधर लेख देखिए।