पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३१९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१६४ हिंदुई साहित्य का इतिहास १८ 'दशमलव दीपिका’-दशमलवों का दीपक (दशमलों पर पुस्तक ), हिन्दी में, श्री एच० एस० रीड ( Recid ) के संरक्षण में, आगरा, १८५४द्वितीय संस्करण, २२ अठपेजी पों की; एक और संस्करण रुड़की से, १८६०, २४ अठपेजी पृष्ठ । १६. कसूर-इ आशारिया’ शीर्षक के अंतर्गत श्री रीड की सहकारिता में वही रचना उर्दू में । २०, ‘पुष्प वाटिका फूलों का बाग-नरेशों के आचरण के बारे में नियमों से संबंधित‘गुलिस के आठवें अध्याय का हिन्दी अनुवाद, आगरा१८५३६ लीथो की ३००० प्रतियाँ । यदि इस संबंध में विश्वास किया जाय तो दूसरा संस्करण इलाहाबाद से, १८६०, २८ अठपेज पृष्ठ, इस अनुवाद के रचयिता बिहारी लाल होने चाहिए । उर्दू अनुवाद का शीर्षक है 'बाब-इ हश्ता गुलिस्ताँगुलिस्ताँ का आठ अध्याय । २१. ‘ईश्वरता निदर्शन —दैवी शक्ति का प्रकटीकरण देवी प्रसाद कृत मजहर-इ कुदरत' दैवी शक्ति का प्रदर्शन का हिन्दी आनुवादआगराद्वितीय संस्करण१८५६, ३४ अठपेजी पृष्ठ। २२. चित्रकारी सार' —चित्र खींचने का सार, अर्थात् ‘पुस्तकों के लिए रेखाचित्र बनाने के प्राथमिक सिद्धान्त', 'हंटर कृत मद्रास जर्नल ऑॉव आर्टके अनुकरण परउदू में, ‘रिसाला उसूल इ इल्म-इ नक्काशी’ का सचित्र हिन्दी अनुवाद, दो भागों में : पहला (द्वितीय संस्करण ), आगरा१८५८, २० अठपेजी पृष्ठ, दूसरा (द्वितीय संस्करण ), इलाहाबाद, ३३ अठपेजी पृष्ठ । २३. ‘उसूलइ हिसाब ( रिसाला )'-गणित के सिद्धान्त ‘गणित निदान’ से अनूदित । १ बाकिर अली पर लेख देखिए। २ करोमुद्दीन पर लेख देखिए ।