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हिंदुई सहित्य का इतिहास

ऐडीशन ऑव गोल्डस्मिथ'के'हिस्ट्री ऑव इंगलैंड'(इंगलैंड का इतिहास) के विशेष शब्दों के कोष सहित, हिन्दी अनुवाद के भी, पृ०७८०।

               जहाँगीर-दास'

एक हिन्दी रचयिता हैं जिनके बारे में संयोगवश'कवि चरित्र के मोरोपंत संबंधी लेख में प्रश्न उठा है।

              जान (मििर्जा)

ने पी० कारनेगी (Carnegy) और आर० मैंडर्सन (Manderson) कृत'ऐलीमेंट्री ट्रिटाइज़ ऑन समरी स्यूट्स'का'सरसरी के मुकदमों की पुस्तक'शीर्षक के अंतर्गत उर्दू से हिन्दी में अनवाद किया है;इलाहाबाद, १८५६,४८अठपेजी पृष्ठ ।

          जानकी प्रसाद या परसाद(बाबू)
          

बनारस से मुद्रित,'जुक्त रामायण-तरतीब दिया गया'रामायण'3—-शीर्षक एक रचना के रचयिता हैं।

            जानकी बल्लभ (श्री)

१८६६ में बनारस से मुद्रित 'मानस शंकावली'---मन के संदेहों को दूर करना-शीर्षक हिन्दी काव्य के रचयिता हैं, २२-२२ पंक्तियों के अठपेजी ८८ पृष्ठ । ६६ पृष्ठों का उसका एक दूसरा संस्करण है।

१.शा० मा० मिश्रित शब्द जिसका अर्थ है 'सुलतान जहाँगीर का दास' २.मा० 'सीता का दिया हुआ ३.तुलसी पर लेख देखिए ४.भा० ( राम की) पत्नी, सीता'