पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१५९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

४ ] हिंदुई साहित्य का इतिहास अभिमन्यु' एक हिन्दी लेखक हैं जिनका मैं केवल नाम दे सकता हूं । अमर सिंह’ ‘अमर विनोद ' ( रोगर्गों पर ) अमर का क्रियात्मक मत- हिन्दी में लिखित और संस्कृत से अनूदित रोगों के निदान और चिकित्सा पर पुस्तक के रचयिता हैं । मेरठ १८६५, २४-२४ पंक्तियाँ वाले न्म अठपेजी पृष्ठ । अमराव सिंह * (राव ) ‘राग माता'—रागों का संग्रह के रचयिता हैं, १८६४ में मेरठ से मुद्रित । अमीर चंद रचयिता हैं : १, ‘लक्ष्मी स्वयंबर ' --लक्ष्मी का विवाह -के, मुद्रित रचना; २. ‘रुक्मिणी स्वयंवर'-रुक्मिणी का विवाह के ; ३. ‘द्रौपदी स्वयंवर' द्रौपदी का विवाह के ; 2. ‘सुभद्रा स्वयंवर-सुभद्रा के विवाह के५ ; १ भा० 'अति प्रतिष्ठित २ भा० 'जो न मरे'

  • क्या यह वही पुस्तक तो नहीं है जिसका शीर्षक ‘रामविनोद' है, १८६५ में

आगरे से प्रकाशित, ४२ पृ० (जे० लॉग, ‘कैलौंग, ७० ४२) १ ४ भा० ‘छोच राजा’

  • इन चार पुस्तकों का कर ( Cenlker ) ने अपने ‘बिबलियंका ऑरि

एंटालिस ( Bibliotheca Orientais ) में उल्लेख किया है।