पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१५६

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अगद सिक्खों के तीसरे गुरु और तीन( Tihan ) नामक एक विशेष सिक्ख संप्रदाय के संस्थापक ने उनकी कुछ धार्मिक कविताएँ हैं जो ‘आदि ग्रंथ में हैं। अजोमयर ( Ajomayara ) जैपुर की बोली में लिखित ‘गीत के हिन्दू लेखक वॉर्ड ने इस ग्रंथ का उल्लेख अपनी हिस्ट्री ऐंड लिट्रेचर अब दि हिन्दूज’’ (हिंदुओं का इतिहास और साहित्य) में किया है । उन्होंने कनौजी बोली में लिखित एक और गीत का उल्लेख किया है, किन्तु उसके रचयिता का नाम नहीं दिया। अज़ीमबश* आगरा कॉलेज के विद्यार्थी, ने लिखी हैं : १. एक "Logarismशीर्षक रचना, आगरा में छपी ; १ यह शब्द एक वानर, बलि, के पुत्र का नाम , जो 'रामायण की कथा में भाग लेता है। २ यह गीत शायद गीत अ' न हो जिसकी एक हस्तलिखित प्रति स्वर्गीय जनरल हैरियट ( Harriot ) के पास थो ? यह दूसरी रचना, जो गद्य और उद्बोल में है, पांडवों और करों का इतिहास प्रतीत होती है। 3 जि० २, ५० ४८१ (४८ ) के बड़े ( ईश्वर ) को देन’