पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१२५

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ट ! हिंदुई साहित्य का इतिहास उद्धरणों सहिंतफारसी में लिखित सूचनाएँ हैं । इस द्वितीय संस्करण के परिवर्द्धन के लिए मैंने इस तकरे से बहुकुछ लिया है । १५. ‘गुलशन-ई बेखि॰बिना ब्रिज का बाग, बरातीं ( गुलाम कुतुबुद्दीन) कृत तकिगका केवल थोड़ा-सा अनुवाद है । १६. ‘गुलिस्तान-इ मसर्रत’-खुशी का बाग, काव्यसंग्रह (Sclec tions from poets ), दिल्ली के मुस्तफा कृतजो अपने नाम के आधार पर पुकारे जाने वाले सतबा- मुस्तफ़ाई’ छापेलाने के संचलाक हैं । यह उन छापेलानों में से हैं जहाँ से अनेक हिन्दुस्तानी रचनाएँ निकली हैं। १७. 'गुलिस्तान-इ सुबून—पूॉलिखित के समान पैक वाला दूसरा तिकिर, दिल्ली के राजघराने के शह ज़ादे सचिर (कादिर बख्श) कृत । १८. गुलिस्तान-ई सुखन-वाकपटुता का बागमुत्तल औौर (का ज़म) कृत ? १६. ‘गुलिस्तान-इ हिन्द ’ -भारत का बाग, उपर उल्लिवित करीमुद्दीन कृत ; सुभाषितों, किरसों आदि का, गुलशन-वा - नाम के आठ अध्यायों में विभाजितसंग्रहजिनमें से आठवाँ चुने हुए छन्दों का संग्रह है, जो वास्तव में कण्ठस्थ करने योग्य है । २०. ‘चमन बेनज़ीर’ -अद्वितीय बाग—अथवा 'मजमा' उल्अश’ . आर अविताओं का संग्रह में ये दो शीर्षक एक ही रचना के दो संस्करणों के हैं, दोनों १२६५ (१८४-४) और १२६६ (१८४६५०) में बम्बई से प्रकाशित ' पहला मुहम्मद हुसेन द्वारा, और दूसरे मुहम्मद इब्राहीम द्वारा, जो, मेरे विचार से वहीं हैं जिन्होंने, १८२४ में मद्रास से मुक्ति, अनवार-द ’ का दक्खिनी में अनुवाद किया है । इस ग्रन्य में एक सौ सतासी विभिन्न हिन्दुस्तानी कवियों के उद्धरणों के २४६ पृष्ठ हैं । २१ . तकात उशु’ अर’ - कवियों की श्रेणियाँ, शौक़ (कुदरतुल्ला) कुल । यह स्चना कभीकभी केवल तरिकरा-ह हिन्दी’ - हिन्दुस्तानी का विवरण -शीर्षक से पुकारी जाती है । २९. तबकात उश्शु’ अरा, करीमुद्दीन कृत 1 १८४८ में दिल्ली से प्रका