पृष्ठ:हिंदी साहित्य की भूमिका.pdf/२३५

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हिन्दी साहित्यकी भूमिका विधान भी है। ये मन्त्र अक्षरों या अंकोंके रहस्यमय कोष्ठक हैं। इन्हें विशेष मन्त्रोंसे अभिमंत्रित करके धारण करनेसे भौतिक बाधाएँ दूर होती हैं । पंडितोंका अनुमान है कि तत्रोंके इस विपुल साहित्यपर शैव तंत्रों का खूब प्रभाव है। उपसंहार विशाल बौद्ध-साहित्य, जिसने आधीसे अधिक दुनियाको अप्रत्यक्ष भावसे प्रभावित किया था और जिसकी अमूल्य चिन्ताएँ अब भी भ्रान्त मानव- समाजको मार्ग दिखा सकती हैं, अपने अन्तिम दिनोंमें धारणी, मंत्रों और यंत्रोंका शिकार हो गया । वह जहाँसे निकला था, अन्तमै उसी विशाल हिंद वाडायमें विलीन हो गया । संसारके इतिहासमें उसका उद्भव, प्रसार और विलय तीनों ही अतुलनीय आश्चर्यजनक व्यापार हैं।