पृष्ठ:हिंदी साहित्य की भूमिका.pdf/२०४

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

रामायण और पुराण गई है, वह भी मूल कथाके साथ कुछ विशेष योग नहीं रखती। द्रौपदीको कोई राक्षस चुरा ले जाता है और युधिष्ठिर दुःखित होते हैं । उन्हींको उत्साहित करने के लिए रामोपाख्यान सुनाया जाता है। अनुमान किया गया है कि ट्रौपदी-हरणकी यह कहानी सीता हरणके आदर्शपर ही रची गई होगी। महा- भारतको वर्तमान रूप चौथी शताब्दी में प्राप्त हो गया था, रामायण उससे दो- एक शताब्दी पहले ही यह रूप पा गया होगा। किन्तु इससे यह नहीं समझना चाहिए कि समूचा रामायण समूचे महाभारतसे पुराना है। असलमें, जैसा कि एक यूरोपियन पंडितने कहा है, भारतीय साहित्यके इतिहासमें यह अद्भुत विरोधाभास है कि रामायण महाभारतसे प्राचीन है और महाभारत रामायणसे प्राचीन । असल में महाभारतके अनेक उपाख्यान निश्चय ही रामायणसे भी पूर्ववर्ती हैं। इनमें कईकी चर्चा रामायण में भी आती है, जैसे नल, सावित्री आदिके उपाख्यान । परन्तु संपूर्ण रामायण पाण्डवोंकी कही चर्चा नहीं मिलती। यह अनुमान किया गया है कि रामका विष्णुरूपमें अबतार माना जाना कृष्णके अवतार माने जानेके बादकी कल्पना है, यद्यपि राम कृष्णके पूर्ववर्ती अवतार है। इसके सिवा रामायणमें वर्णित सभ्यता उतनी लड़ाकू नहीं है जितनी महाभारतमें वर्णित सभ्यता है। इससे वह अनुमान किया जा सकता है कि रामायण उत्तरकालीन समाजके कविकी रचना है और महाभारत पूर्वकालीन समाजके। जिन दिनों त्रिपिटककी रचना (संकलन) हुई थी, उन दिनों रामकी कथा ज़रूर प्रचलित रही होगी। जातक कथाओं में इसके प्रमाण हैं। पर रामायण काव्य शायद ही रहा हो । सारे बौद्ध साहित्यमें रामायणके दो प्रसिद्ध चरित्र रावण और हनूमानका नाम भी नहीं पाया जाता । इसपरसे किसी किसीने अनुमान किया है कि रामायण काव्य बौद्ध-युगमें नहीं बना होगा। बना भी हो तो वौद्ध प्रदेशों में अज्ञात रहा होगा। लेकिन सम्पूर्ण रामायणमें बौद्ध प्रवाह खोजनेपर भी नहीं मिलेगा। केवल एक जगह रामके मुखसे बुद्धको नास्तिक कहलवाया गया है पर बह सभी प्रतियोंमें नहीं पाया जाता और प्रक्षिप्त सिद्ध हो चुका है। साथ ही इस प्रकार यह भी प्रमाणित होता है कि रामायण बौद्ध-कालके पहले ही रचित हो गया था । अवश्य ही प्रक्षेप बादमें भी होता रहा होगा । पर प्रक्षेप सन् ईसवीकी पहली शताब्दीके बाद रुक गया होगा खोज करनेपर रामायणकी कथाका बौद्धों और जैनोंमें समाहत होना पाया जा सकता है। वसुबंधुके अन्योंके जो