पृष्ठ:हिंदी साहित्य की भूमिका.pdf/१३२

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११२ हिन्दी साहित्यकी भूमिका ऐतिहासिक वा पौराणिक पुरुषके चरित्रको अवलम्बन करके भी नहीं गाई जाती थीं, बल्कि फुटकल श्लोकोंके रूपमें, छोटे छोटे पद्मों में ही अपने आपमें सम्पूर्ण अन्य-निरपेक्ष भावसे लिखी जाती थीं । आरम्भमें ऐसी रचनायें प्राकृत भाषामें लिखी गई और बादमें चलकर संस्कृतमें भी लिखी जाने लगी । हमारे इस कथनका यह अर्थ नहीं समझा जाना चाहिए कि इसके पूर्व समूचे भारतीय साहित्यमें ऐसी कोई रचना रही ही नहीं होगी जिसे ऐहिकता-परक कहा जा सके वस्तुतः पण्डितोंने ऋग्वेद, अथर्ववेद तथा बौद्धोंकी थेर-गाथा और थेरी- गाथाओसे इस प्रकारके प्रमाण ढूँढ़ निकाले हैं जिनसे यह निर्विवाद सिद्ध हो जाता है कि ऐसी रचनायें प्राचीन कालमें भी किसी रूपमै रहीं ज़रूर होगी.. मानव-प्रकृति उन दिनों भी सदा आमुष्मिकतामें उलझी रहना पसंद नहीं करती होगी। महाभारतमें आई हुई कई प्राचीन कहानियोंके संबंध भी पण्डित लोग इसी प्रकारका विचार पोषण करते हैं। यहाँ हमारे कथनका तात्पर्य यह है कि सन् ईसवीके आरंभ कालके आसपास ऐसी रचनायें बहुत अधिक दिखने लगी और उत्तरोत्तर भारतीय साहित्यमै प्रमुख स्थान ग्रहण करने लगी । इनका आरंभ प्राकृतसे हुआ। इस प्रकारकी कविताका सबसे पुराना संग्रह हाल' की 'सत्तसई' या सत्तसई है । इस ग्रंथमें जिस जातिकी कविता पाई जाती है वैसी कविता इसके पहले संस्कृत के किसी ग्रंथमें नहीं देखी गई। इसकी अपनी विशेषता है। प्रत्येक पद्य अपने आपमें स्वतंत्र है और आमुष्मि- कताकी चिन्तासे एकदम मुक्त है। इस ग्रंथके समयको लेकर पण्डितोंमें काफी मतभेद है। कुछ लोग हालको सन् ईसवीके प्रथम शतकका मानते हैं और कुछ चौथे पाँचवें शतकका । जो मत ज्यादा प्रचलित है वह यह कि हालकी सत्तसई (सतसई) में बहुतसे प्रक्षित पद्य हैं जिनके कारण वह रचना अर्वाचीन-सी लगती है। जैसे अंगारवार (मंगलवार), होरा और राधिका शब्दसे संबंद्ध आर्यायें। परन्तु अन्ततः साढे चार सौ आर्यायें काफी प्राचीन जान पढ़ती हैं। उनका सन् ईसवीके पूर्वकी या परकी प्रथम शताब्दी में रचित या संकलित होना असंभव नहीं है। इस सत्तसईका प्रभाव बादके संस्कृत साहित्यपर भी पड़ा और गोवर्धनकी आर्या-सप्तशती वस्तुतः उसीके आधारपर लिखी गई, यद्यपि उसका आधा सौन्दर्य इस संस्कृत सप्तशतीमें कम हो गया है। हिन्दीके. प्रसिद्ध कवि विहारीलालकी सतसई भी इस ग्रंथसे प्रभावित है जो सुकुमारतामें अतुलनीय है। सैकड़ों वर्षसे वह रसिकोका हियहार बनी हुई है