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६७१. बेनीदास कवि—मेवाड़ के बंदीजन। जन्म १८३५ ई०।

१ सुंदरी तिलक। यह मेवाड़ के इतिहास लेखकों में थे।

टि०—सरोज के अनुसार यह "सं० १८९० (१८३३ ई०) में 'मारवाड़' देश के प्रबन्ध लेखक अर्थात् तारीख नबीसों में नौकर थे"। अतः १८३५ ई० (सं० १८९२) इनका जन्म काल कदापि नहीं हो सकता। यह कवि का उपस्थिति काल है।

——सर्वेक्षण ५९५


६७२. छेदीराम कवि—१८३७ ई० में उपस्थित।

उक्त वर्ष में 'कवि नेह' नाम से विरचित एक पिंगल ग्रंथ के रचयिता।
६७३. अनुनैन कवि—जन्म १८३९ ई०।

इनके द्वारा रचित नखशिख अच्छा कहा गया है।
६७४. औध कवि—जन्म १८३९ ई०।

शिव सिंह ने इस कवि की कविता का एक नमूना उद्धत किया है, पर इसके विषय में कुछ जानते नहीं। उन्हें इनके अजोध्या प्रसाद वाजपेयी (सं० ९३) होने का संदेह है।

टि०—सरोजकार का संदेह ठीक है।

——सर्वेक्षण ८,४


६७५. नरोत्तम—दोआब के। जन्म १८३९ ई०।
६७६. मनीराम मिसर—साढ़ि, जिला कान्हपुर के। जन्म १८३९ ई०।

कोई विवरण नहीं। यह सम्भवतः वही हैं, जिनका उल्लेख बिना किसी तिथि के शिव सिंह ने शृङ्गारी कवि के रूप में किया है।

टि०—सरोज के मनीराम मिश्र (सं० ७०१) के अज्ञात तिथि मनीराम (सर्वेक्षण ६७४) से अभिन्न होने के कोई प्रमाण सुलभ नहीं।
६७७. सेबक कवि—१८४० ई० में उपस्थित।

१ सुन्दरी तिलक। यह राजा रतनसिंह के यहाँ चरखारी दरबार में थे। सम्भवतः यही सं० ५७९ वाले सेवक भी हैं।

टि०—ग्रियर्सन के ५७९, ६७७ संख्यक दोनों सेवक अभिन्न हैं।
६७८. फालकाराव—ग्वालियर के। जन्म १८४४ ई०।

यह लछिमन राव के मंत्री थे और इन्होंने कवि प्रिया (सं० १३४ ) का एक अच्छा तिलक किया था।
६७९. मीतूदास गौतम—हरधौरपुर, जिला फतहपुर के। जन्म १८४४ ई०।

वेदान्त सम्बन्धी कई ग्रन्थों के रचयिता।