पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२९१

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(२७२). धनी लोगों से प्राय: उपहार · पाया करते थे, पर कभी भी गाने के बदले में । मजदूरी या पारिश्रमिक नहीं लेते थे।" जिन कवियों की रचनाएँ इस विशालकाय ग्रंथ में संकलित हैं, उन सबका 'नाम एकत्र करना स्वयं बड़े परिश्रम का काम है। जो हो, लेखक ने भूमिका में उन सभी कवियों और ग्रंथों (हिंदी, करनाटी, मराठी, तेलगू, गुजगती, बंगाली, उडिया. अंगरेजी, अरबी, पेगुअन, फारसी और संस्कृत ) का नाम दे दिया है, जिनसे वह परिचित था । मैंने इम भूमिका से हिंदी कवियों और हिंदी ग्रंथों का नाम ले लिया है। कइयों को तो मैं पहचानने में असमर्थ रहा और कई ग्रंथ जो इस सूची में हैं, मेरे इस ग्रंथ में अन्यत्र कहीं नहीं उल्लिखित (अ) हिंदुस्तानी लेखक ... चंद संख्या ६ छीतस्वामी सं० ४१ पृथ्वीराज, देखिए सं० ६,७३ नंददास. सं० ४२ रामानद सं०१० गोविंददास सं० ४३ कबीर सं० १३ | अग्रदाम सं० ४४ . कमाल सं० १६ | केवलराम सं० ४५ विद्यापति सं० १७ कल्यानदाम सं०.४८. .. मीगवाई सं० २० कान्हरदास सं० ५२ राजा कम्न ? सं० २१. . श्री भट्ट सं०५३ नानक सं. २२ व्यासस्वामी सं० ५४ . नामदेव सं०२२ नीमादित्य मं० ५४.. . . .. चरणदास सं० २३ . . हित हरिवंश सं० ५६ . . गदाधर मिमर सं० २५ ध्रुवदाम सं०५८ माधवदास सं० २६ हरिटास सं० ५९ भगवानदास सं० २९ तानसेन सं० ६० वल्लभाचारज सं० ३४ अभयराम सं०६४ मध्वाचारज सं० ३४. चतुर विहारी सं०६५ कृष्णदास सं०३६ मानिकचंट सं० ७८ सूरदास सं० ३७ ऊधोदास सं०७६,४९५ परमानंददास सं० ३८ दामोदरदाम सं०८४ . कुंभनदास सं० ३९ चंदसखी सं० १३. . . चतुरभुजदास सं० ४० नागरीदास (?) सं० ९५