पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/१५६

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. (१) एक रामायण चितामणि त्रिपाठी (१४३) द्वारा लिखी गई थी । (३) मीनदास (१७२) ने राम चरित्र लिखा जो बाल्मीकि रामायण और हनुमान नाटक पर आधृत है । (३) भगवंतराय स्त्रीची (३३३) ने एक रामायण लिखी । (४) शंभुनाथ (३५७) ने ‘राम विलास' नामक एक रामायण लिखी ।। | (५) गुलाब सिंह (४८६) ने एक चेदांतिक रामायण लिखी ( इसका जो भी अर्थ हो )। (६) गजराज उपाध्या (५८५) ने एक रामायण लिखी । (७) सहज राम (५९२) ने रघुवंश और हनुमान नाटक के अधार पर एक रामायण लिखी ।। (८) शंकर त्रिपाठी (६१३) ने कवित्त छंदों में एक रामायण लिखी । (९) ईश्वरीप्रसाद त्रिपाठी (७१२) ने बाल्मीकि रामायण का अनुवाद किया । (१०) चंद्र झा (७०२) ने एक रामायण लिखी । (११) जानकी प्रसाद (६९५) ने ‘राम निवास रामायण लिखी । (१२) समर सिंह (७२५) ने एक रामायण लिखी ।। (१३) पूरन चंद जूथ (८५८) ने राम रहस्य रामायण लिखी । - इस सूची में वे ग्रंथ नहीं आए हैं, जिनमें राम कथा का कोई विशेष अंश ही वर्णित हुआ है, और न तो इसमें वे ही ग्रंथ हैं, जो इधर पिछले वर्षों में गद्य और पद्य में लिखे गए हैं। इनमें भाषा और शैली की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ पैडित छोटूराम तिवारी ( सुं० ७०५ ) लिखित (१४) रामकथा हैं । | "३. पंचायतनामा | [ पंचायतनामे का प्रत्यक्षरीकरण और उसका अँगरेजी अनुवाद मूल-ग्रंथ के प्रारंभ में ही भूमिका के अनंतर 'शुद्धिपत्र और परिशिष्ट के मध्य में दिया गया है। इसे अ-स्थान समझकर अनुवाद में छठें अध्याय के तृतीय परिशिष्ट के रूप में दिया जा रहा है । पंचायतनामा का अंग्रेजी प्रत्यक्षरीकरण न देकर उसे देवनागरी लिपि में दिया जा रहा है और इसको जो अंग्रेजी अनुवाद मूल ग्रंथ में है, उसे यहाँ ज्यों को क्यों दिया जा रहा है, उसका हिंदी अनुवाद नहीं प्रस्तुत किया जा रहा है ।। पंचायतनामें की केवल प्रथम छह पंक्तियाँ देवनागरी लिपि में हैं। यही तुलसीदास की लिखी मानी जाती हैं । शेष अंश फारसी लिपि में है और तुलसीकृत नहीं माना जाता 1 पंचायतनामे की प्रतिच्छवि डा० मीताप्रसाद गुप्त के ग्रेथ तुलसीदास' में देखी जा सकती है। अंनुवादक