फेरि ऐसो औसर न ऐहै तेरे हाथ, एरे, मटकि मटकि मोर सोर तू मचावै ना। हौं तौ बिन प्रान, प्रान चहत तजोई अब, कत नभ चंद तू अकास चढ़ि धावै ना॥