‘बड़ा श्रम मीठा है'। बड़ा' उद्देश्य-विशेषण, मीठा' विधेय-विशेषण ।
अाम बड़ा मीठा है' में मीठा' विधेय-विशेषण और ‘ड़ा उस का
‘प्रविशेषण' । 'अाम बड़ा और मीठा है' में 'बड़ा भी स्वतन्त्र विशेषः ।
सो, कार्य-भेद से नाम-भेद । एक ही शब्द कभी संज्ञा विशेषण, कभी
क्रिया-विशेषण । एक ही व्यक्ति जब कपड़ा बेचता है, तब ‘बाज' और
मिठाई बेचने लगता है, तब 'हलवाई यही स्थिति भाषा में शब्दों की है।
हाँ, “चुपचाप या धीरे-धीरे अदि अव्यय सदा ही क्रिया-विशेषण रहते हैं,
यह अलग बात है। कोई व्यक्ति सदा एक ही काम कुरता रहे, तो करता
रहे। परन्तु वह व्यक्ति जिस बिरादरी का है, उस के सभी व्यक्तियों के सिर
वह काम नहीं थोपा जा सकता है और वह काम न करने पर उन को उस
विशिष्ट नाम से नहीं पुकारा जा सकता है। जो वैश्य कपड़े बेचे गा, उसे ही
बजाज' कहेगे, सब को नहीं। इसी तरह जो अव्यय क्रिया की विशेषता
बतलाए गा, उसे ही क्रिया-विशेषण कहा जाए गा । वैश्य के अतिरिक्त,
खत्री आदि भी कपड़े बेच सकते हैं और तब वे भी “बजाज' कहलाएँ गे ।
यह नहीं कि वैश्य ही बजाज हों । काम देख कर ही नाम दिया जाए गा ।
पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/३७४
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
(३२९)