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( १५२ ) राम के घर लड़का हुआ है' का प्रयोग ‘राम के लड़का हुआ है। इस अर्थ में नहीं कर सकते । हाँ, यदि कुछ विशेष मालूम न हो, सामान्यतः इतना मालूम हुअा हो कि अमुक के घर में एका लड़का पैदा हुआ है, तो कहा जाएगा ( पुरखे का नाम लेकर )---‘रामू चौधरी के घर में किसी के लड़का पैदा हुआ है ।' “देवकी के कृष्ण हुए तो क्या घर में अध्याहार होगा ? यदि पैदा होने जैसी कोई बात विवक्षित न हो, तब फिर के, रे, ने विभक्तियाँ न आकर ( क, र, न ) तद्धित-प्रत्यय लगेंगे । १-राम का लड़का मुझे मिला था। २–तुम्हारी लड़की को एक पुस्तक मिली है।

  • तुम्हारी लड़की पैदा हुई थौं तद्धित प्रत्यय का प्रयोग न होगा ।

संस्कृत में भी ‘तव पुत्री जाता' की जगह त्वदीया पुत्री जाता ने कहा जाएगा । ‘भिलना’ क्रिया के संबन्ध में मिलना' के दो अर्थ हैं, यानी ‘मिल' एक धातु है 'प्राप्ति' अर्थ में और दूसरी ‘मिल है संगतिकरण था मेल के अर्थ में । “प्राप्ति' अर्थ में ‘मिल' का कर्ता ‘को' विभक्ति के साथ श्राता है:- १---लड़के को पुरस्कार मिला २---तुम को चिट्ठी मिली ३--सा को खबर मिली ४-~-मुझे गालियाँ मिलीं ! परन्तु ‘संगतिकरण' या 'मेल' अर्थ में जो 'मिल’ धातु है, उसकी कर्ता निर्विभक्ति रहता है और कर्म में से विभक्ति लगती है--- १–तुम झा साहब से मिल लेना २-मैं उन से मिला था ३-तुम तो किसी से भी नहीं मिलते । ४-मैं आप से मिल कर बहुत प्रसन्न हुआ । यदि ‘प्राप्त होना' ही अर्थ विवक्षित हो, तो- १-तुम्हें झा साहब सिल गए थे न ! २–मुझे मेले में वे मिल गए ।