पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/८८

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उपदर्शक ६१२ उपधातु उपदर्शक-वि० [सं०] १ राह बतानेवाला । २ द्वाररीक । ३ उपदेशी-पिं० [सं० उपवेशिन [fi० ० उपदेशिनी) उपज साक्षी । देखनेवाला को ।। देनेवाला । शिक्षा देनेवाला । उ-कदगौ मुग पाऊँ उदेश, उपदर्शन-सज्ञा पुं० [स०] टीका। मष्यि । व्याख्या [को०)। प्रगम पेय कर यि मदशी ।-जापन (जन्द०)। उपदा-सा स्त्री० [सं०] १ मॅट जो वड़े लोगों को दी जाय । नजर। उपदेश्य--वि० [१०] १ उपदेश के योग्य । भि उपदेन देना उचित २ घूस । उत्कोच (को॰) । हो । २. निरा (वात) का उपदेश करना उचित हो । मिधाने उपदाग्राहक-- वि० [सं०] धूम लेनेवाला। रिशवत लेनेवाला । योग्य (त) । | रिशवती । उपदेप्टा-सा पुं० [ग० उपदेप्ट्र] [३० उपदेप्ट्री] उपदेश देने विशेप-चाणक्य ने लिखा है कि न्यायाधीश के चरित्र की | याला शिक्षा । परीक्षा के लिये खुफिया पुलिश का कोई अादमी उससे ज़ाकर उपदेस -सपा पुं० [f०] ६० 'उपदेश' । उ०—ोग न र उपदेमु कहे कि एक मेरा मित्र राज्यापरोध में फँस गया है। अाप । जदपि कहेउ तिचे बार बेहूं ।-मनस, ५१ । कृपाकर उसको छोड दीजिए और यह धन ग्रहण कीजिए । उपदेसना --द्रि० स० [सु ० उपदेश] गदेन करना। नि यदि वह उपदा ग्रहण कर ले तो राज्य उसको ‘उपदाग्राहक' देना ) नसीहत करना । उ०-द्विरदर्हि वहरि चुनाद नरेना, समझकर राज्य के बाहर निकाल दे (को॰) । सरि गपद युय उपदेगा कपल (शब्द॰) । उपदाता–वि० [सं० उपदातृ] दान करनेवाला (०] । उपदेहिका - १श्री० [म०] दीन । उपदान–सच्चा पुं० [स०] १ भेंट । ३ घनी । उत्कोच (को॰] । उपदोह- सपा पुं० [मु.] गाय का घन। गाय को छी । ३ व उपदान क—सा पुं० [सं०] दे० 'उपदान' [को०] । | पाम बिसुमे दुध दुहा जाता है (मे] । चपदानवी–सम्रा मी० [सं०] १ व पपर्वा दानव की पुत्री अरि दुष्यत उपदय-सधा पं० [मृ०1विध उपयो] १ उत्पात । प्राकस्मि । की माता का नाम । ३ वैश्वानर को कन्या का नाम [को॰] । बाधा । हलाल । निघ । २ म । दगा। फसाद। उपदिग्ध-- वि० [सं०] १ दिया हुअा। तुका है।। २ धपेदार गड़बड ।। [ये] । उपदिशा- संज्ञा स्त्री० [सं०] दो दिशा की बीच की दिशा । कोण ।। क्रि० प्र०--उठाना ।—करना ।-•ई। झरना |--मुचाना। उपदिष्ट- वि० [सं०] १ जिमै उपदेश दिया गया हो । २ जिसके ३ किमी प्रधान रोग के पीच में होने वाले दूसरे विकार या पीड़ाएँ जैसे,—र में प्यास गिर कर पीडा प्रादि । जै- विपय में उपदेश दिया गया हो। जिसके विषय में कुछ कहा गह दी। दो, दाह, मादि सव उपद्रव शांत हो जायेंगे। गया हो। ज्ञापित । ३. जिसे दीक्षा दी गई है। (फ०) । ४. उप टवी-वि० [न उपद्रविन १ उपद्र, मचानेवाला । हुन चत्त निर्दिष्ट । निर्देश दिया हुआ (को०) । उपदी—सा लौ० [सं०] वदाक। बाँदा नामक पौधा [को०] ।। मनानेवाला । देगा मरनेवाला । ऊधम मचानेपाना । २ . फसादी। वडिपा ।। उपदीका सच्चा स्त्री० [सं०] १ एक लघु कीट । एक प्रकार का चीटा। उपद्रष्टा-वि० [७ उपव्रप्ट ] देनेवाला । दर्शन (को०] । | [को०) । उपदीक्षी–वि० [सं० उपदक्षिन्] १ किसी प्रारभ या अन्य धार्मिक उपद्रप्टा'.-सचा पुं० गवाह । सी (०' । | कायों में समिलित होनेवाला । २ निकट संबंधी को०)। उपद्रत- वि० [स०]१. उगदग्रस्त । जहाँ २ जिसपर उपद्रा छुपा हो। उपदृष्टि-सज्ञा स्त्री॰ [सं०] दृश्य वस्तु । प्रत्यक्ष विषय [को॰] । | २ (ज्योतिष के अनुसार) ग्रहणयुक्त [वै] । उपदेव--सज्ञा पुं० [सं०] यक्ष, गधर्व किन्नर अादि छोटे देव [को०]। उपद्वार-सज्ञा पुं० [सं०] उड़े द्वार के प्रतिरक्त ना हुप्रा छोटा उपदेवता--सच्चा पुं० [सं०] दे॰ 'उपदेव' (को०] । दरवाजा । लघु द्वार (ले०] । उपदेश -सुज्ञा पुं० स०]वि० उपदेश्य, उपविष्ट, उपदेशी, औपदेशिक] उपद्वपि---सा पुं० [सं०] छोटा द्वीप (को०] । १ शिक्षा । सीख । नसीहत । हित की बात कर कथन । २ उपधरना--क्रि० अ० [सं० उपधार, अपनी प्रोर सींचना] ग्रहण दीक्षा | गुरुमग्र । करना। अगीकार करना । अपनाना ! शरण में लेना । सहारा उपदेशक सज्ञा पुं॰ [सं०] [स्त्री॰ उपदेशिका] उपदेश करनेवाला । देना । उ०-- जिनको सोई उपधर, तिन्ह वांका नदि कोई । शिक्षा देनेवाला । अच्छी बात बतलानेवाला। उ०---इकवाल सर्व जग रूसा की करे रखिन हा सोई।--दादू० (शब्द०)। वडा उपदेशक है, मन वातो से मोह लेता है । गुफ्तार का उपघर्म-सया पुं० [स०] मुख्य धर्म के अतिरिक्त गौण या अमुरुप'धर्म गीजी वन तो गयो, किर्दार का गाजी बन न सका ।- फो०] । वाँगेदरा । उपधा–स सी० [सं०] सज्ञा १ छल कपट । २. राजा द्वारा मंमी, उपदेशता---सच्चा स्त्री॰ [सं०] १ उपदेश का भाव या अवस्था । २ पुरोहित आदि की पदया। ३ व्याकरण में किसी शब्द के | सीख । ३ नियम या सिद्धात (को॰] । अतिम अक्षर के पहले का अक्षर ४ उपाधि । उपदेशन - सच्चा पू० [सं०] उपदेश की क्रिया । शिक्षा देना [को०]। उपवातु-सच्ची पुं० [स०] २ अप्रधान धातु जो या तो लोह, तांबे उपदेशना--सच्चा सी० [सं०] १ सिद्धात या नियम । २ उपदेश । आदि धातु के विकार या मैल हैं या उनके योग से बनी हैं शिक्षा (को०] । अथवा स्वतन्न खानों से निकलती हैं ।