पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/४१३

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झालावाल ६३६ झाना तिल , । तथा इड, बहेडे यौर सज्जी के संयोग से बनाया जाता है । काला तिल- संज्ञा पु० [हिं० काला+मुं० तिल] काने रग का तिल । सोचर नमक । मुहा०—(किसी का) काले तिल चीनी = (किसी केr) इवले होना । अधीन या वशवर्ती होना । गुलाम होना । जस- विशेप- वैद्यक में यह इनका, उष्णवी में, रेचक, भेदने दीपन, पाचक वातनाशक अत्यत वित्तजनक र निव, शून, गुल्म वया तुम्हारे काले तिल अवाए हैं जो न बोले । और अनाड़ का नाशक मानी गग है। कालातीत–वि० [सं०] जिसका समय बीत गया हो। कालातीत–सुच्चा पुं० १ न्याय के पाँच प्रकार के हृत्वभिमों में से कुलाचल--संज्ञा पुं॰ [म०] १. प्रलय काल की अग्नि । कालनि । उ०—काननिल भय को कराला । क्षमा क्षमा तप जासु एक जिसमें अर्थ एक देश काल के ध्बम से युक्त हो और इस | विशाल !-रघुराज (शब्द॰) । २ वह रुद्राक्षे जो पंचमुखी कारण हेतु असत् ठहरता हो । होता है [को॰] । ३. रुद्र (को॰) । विशेष---जैसे किसी ने कहा कि शव्द नित्य हैं । संयोग द्वारा कलिनाग-सया पुं० [हिं० फाला+न] १ काला सांय । विपधर शक्त होने से, जैसे धरे में रखे हुए घट के रूप की अभिव्यक्ति सप । १ अत्यत कूलि या तोता अादमी।। दीपक लाने से होती है। ऐसे ही डके के शब्द को अभिव्यक्नेि कालानुक्रम---सज्ञा पुं० [सं०] समय का अनुक्रम । कान की स्थिति भी उसपर लकड़ी का संयोग होने से होता है। अरि जसे सयाग के न ध या यया । के पहले घट का प विद्यमान था वैसे ही लकड़ी के संयोग के कालाननादी-सज्ञा पुं० [सं० कालानुनाविन्] १ मधुमक्खी । २। पहले शव्द विद्यमान या । इनपर प्रतिद् दी कहता है कि गौरैया | चक पक्षी । ३ पहा । चानक [को॰] । तुम्हारा यह हेतु असत् है क्योकि दीपक का संयोग अबतक कालाप- सज्ञा पुं० [सं०] १ सिर के बाल या केरा । २ सर्प का रहता है तमी तक घट के रूप का ज्ञान होता है सयोग के फण । ३ दैत्य । दानव । ४.क नाप व्याकरण का वैसा । ५. उपरात नहीं । पर सयो। निवृत्त होने पर सुयोग काल के कलाप व्याकर | क' विद्यार्थी [को॰] । अतिक्रमण में भी शब्द का दुरस्थित मनुष्य को ज्ञान होता है। मत सयोग द्वारा अभिव्यक्ति को नित्यता का हेतु कहना हेतु कालापक--- सच्चा पुं० [स०] १. क्लास के अध्याग्रों का समुह । २ | कलाप के नियम या सिद्धांत । ३ कातर व्याकरण को०] । नही है हेत्वाभास है। २ अाधुनिक न्याय में एक प्रकार का वाघ, जिसमें साध्य के कालापहाड -सञ्ज्ञा पुं० [हिं० झाला+पड]१ बहुत भारी और भयानक वस्तु । दुम्तर वस्नु । जैसे-दुख की रात नहीं करती, आधार अर्थात् पक्ष में साध्य का अभाव निश्चित रता है। का पहाड हो जाती है। २ बलोल लोदी का एक भाजा कालात्मा–सेवा पु० [स० कालात्मन्] परमात्मा । ईश्वर [को॰] । जो सिंकदर लोदी से र ङः यो। ३ मुर्शिदाबाद के नवाब कालात्यय-सच्चा पुं० [१० काल+अत्यय] दे॰ 'का क्षेप' [को०] ।। दाऊद का एक सेनापति ।। कालादाना—सज्ञा पुं० [हिं० फीलदाना] १ एक प्रकार की लता जी विशेष यह वडा शूर और कट्टर मुसलमान था । इसने बंग देखने में बहुत सुंदर होती है। देश के बहुत से देवमदिर तोड़े थे, यहाँ तक कि एक बार विशेष—इसके फूल नीले रग के होते हैं। फूत्र 'झड जाने पर जगन्नाथ की मूर्ति को समुद्र में फेंक दिया था। वह पहने वही लगती है, जिसमें काले काले दाने निकलते हैं। इसका ब्राह्मण था । किसी नवाब कन्या के प्रेम में पत्र हुअा था । गोंद भी अौषधि के काम में आता है। दाना अाधे डाम से कालापान सञ्चा पुं० [हिं० काला+पान] ताश में 'इकु' का ग । लेकर एक ड्राम तुक और गोद दो से अाठ ग्रन तक खाया जा कालापानी–सञ्चः पुं० [हिं• काला+पानी] १. देशनिकाले का दहे। सकता है। जलावतनी की सजा । २ अंडमान और निकोबार अादि द्वौ । २ इस लता का वीज जो अत्यत रेचक होता है। क्रि० प्र०-जाना ।—भेजना। कमलादेव-सुज्ञा पुं० [हिं० काला+फा० देव] १ एक कल्पित देव विशेष - अंडमान, निकोबार गदि हूं'पो के अासपास के समुद्र फा यो विशालकाय व्यक्ति जिसका रग दिलकुल काला माना गया पानी काला दिखाई पड़ता है, इसी से उन द्वीपों का यह नाम है। २ वह व्यक्ति जिसका सरीर हृष्ट पुष्ट योर रग बहुत पडा । भारत में जिनको देशनिकाने का दड मिनता था, वे कान्ना हो । इन्ही द्वीपों को भेज दिए जाते थे। इसी कारण उस दंड को ‘भी इसी नाम से पुकारने लगे। कालोधतूरा-सच्चा पुं० [सु० कालचुस्तुर] एक प्रकार का वह्व वियेला धतूरा। । ३ श्राव। मदिरा। विशेप-इसके पसे हरे पर फल और बीज काले होते हैं । लोग। | कालाबाजार--सज्ञा पुं० [हिं० काला+बाजार] वह बाजार या व्यापार प्राय बहुत अधिक नशे या स्तन के लिये इसका व्यवहार " जिसमे अनुचित लाभ के लिये क्रय विक्रय होता हो । क्रि० प्र०—करना ।—चलना ।—होना । करते हैं । यौ०.- कालावाजारिया= का बाजार करनेवाला व्यापारी । कालाव्यक्ष-सी पुं० [सं०] १ सूर्य । २ परमात्मा। ब्रह्म (को०] । | नफाखोर । मुनाफाखोर ।। कालानमक--सा पुं० [हिं० काला+नमक] एक प्रकार का बनावटी नक जस ग झाला होता है और जो साधारण नमक कालाबाल-सी पुं० [हिं० काला+बात 1 माँट । पम् ।