पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/३९६

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कीमा कामेडियन कामघ'.- वि० [सं० कामान्ध] काम को भ्रतिशता से जिका कामित'- वि० [सं०] चाहा हुआ। याँ छिन (को०) । | विवेक नष्ट हो गया हो । कामित- सच्चा पुं० कामना । वासना । प्रेम [को०] कमिाध-सज्ञा पुं० कोयल । क किल पक्षी [को॰] । क) मितियाँ- संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक छोटा पेड जो सुमात्रा, जावा कामधि–सच्चा स्त्री० [स० फामान्चा) १. वास्तूरी । २ गधधूलि । । #दि टपो में होता है और जिसकी राल से एक प्रकार का योजन गधा [को॰] । लोबान बनता है। कामासझा जी० [सं० काम] १ कामिनी स्त्री। उ०—अधिक कामिनी-सल्ला स्त्री० [सं०] १ कामवती स्त्री । २. स्त्री । सुदरी कामदग्ध सो काभा । हरि के सुवा गयो पिय नामा ।—जायसी । ३ भरु स्त्री (को०) । ४ दारु हल्द ५. मदिरा । ६ पेड़ (शब्द०)। २ एफ वृत्ति जिसमे दो गुरु होते हैं । जैसे-माना । परक । वाँदा । परगाछा । ७ मात्रकोस राग की एक रागिनी । जना । रोला। धोना । ८ एक पेश जिसकी क ी से मैन कूस आदि सजावट के कामा-सच्चा पैर [अ० मा] एक विराम जो दो वायो या शब्दों सामान बनते हैं। के बीच होता है। इसका चिह्न इस प्रकार है । (,)। विशेष—इसकी लकहीं पर नवकाशी का काम अच्छा होता है ।। कामाक्षी- सज्ञा स्त्री॰ [स] १ दुर्गा देवी में एक अभिग्रहे । २ तब यौ०- कामिनिकांचन-स्त्री और स पदा । | के अनुसार देवी की एक मूत। कामिनीकाव-सधा पुं० [सं० फानिनौकात एक वणवत्त । ३० कामाख्या- संज्ञा की[सं०] १ देव का एघ हि । २ सती या 'नाग्विणी' (को०)। देवी की योनि पीठ 1 कामरूप । कामिनी मोहन--[सं०] स्रग्विणी छद का एक नाम । कामाग्नि-सज्ञा स्त्री॰ [सं०] १. उत्कट प्र म । प्रवल अनुराग । २ कामिनोशु--सा पुं० [सं०] सहजन का पेड ! शो माजन वृक्ष (को॰) । काम की उत्तेजना } काम का वेग [को॰] । कामिल---" [अ०] १. पुर। पूर्ण । सव । कुन । समूची । २, कामातुर--- वि० [स०]काम के वेग से व्याकुल । समागम की इच्छा | योग्य । ३, व्युत्पन्न । से उद्विग्न ।। कामो-वि० [सं० कामिन्] [स्त्री० कामिनी] १.कामना रखनेवाली। कामीमज सच्चा पुं० [सं०] काम या प्रद्युम्न का अात्मज । इच्छुक । २ विषयी । कामुक । लपट । अनिरुद्ध [को॰] । | कामी--सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. चकवा ३ कबूतर । ३ चिडा। गौरा । कामात्मा--वि० [सं० कामात्मन्] कामी । कामासक्त [को॰] । ४. सारस । ५ चद्रमा । ६ काकड़ासीगी । ७. विष्णु का कामाद्रि–सवाः पुं० [सं०] अासाम का पर्वतविशेष [को॰] । एक नाम । ६, शिव का एक विशेषण (को०)। ६ लपट व्यक्ति कामानुज- सच्ची पुं० [सं०] क्रोध । गुस्सा। तामस । लोम । उ० (को०)। १० विलासी पति (को॰) । यात रह्यो कामानुज मुनि को। सेवन कीन्यो गुनि मुनि कामी-सच्चा स्त्री०सै० कम्प= हिलना १ कसे का ढाला हुमा छ। घनि को ।-रघुराज (शब्द॰) । | जिससे मुठिया बनाते हैं । २ क मानी । तीली । कामायुध-- सच्चा पुं० [सं०] १ आम । २ कामबाण (को०)। कामु —सच्चा पुं० 1 स० काम्] दे॰ 'काम' । उ०—पठवहू कामु जाई ३ पुरुपचिह्न । शिश्न (को॰) । | शिव पाही । करं शोभु सकर मन माही ---मानस, १।८३ । कामारथी--सच्चा पुं० [सं० कामार्थी] दे॰ 'कामार्थी। कामुक-वि० [सं०] १ [स्त्री॰ झामुकी] इच्छा करने वाला । चाहने कामारि--सूझा पुं० [सं०] शिवजी का एक नाम । | वाला । २ [स्त्री० काम का कामी। विपयी । कामार्त--वि० [सं०] १. काम से पीड़ित । २ वियोगी । विरह कामुक-सल्लापुं० १ अश, क । २. माधवी लता । ३ चिड़ा । गौरा । । पीड़ित [को॰] । | कामुका--वि० बी० [सं०] इच्छा करने वाली ! कामार्थी-वि० [सं० कामायन] १ कामुक । कामी । २.रतिकर्म | कामुका-सच्चा स्त्री॰ [सं०] १ एक प्रकार का मातृका दोप। " में प्रसवत [को०] । विशेष--चैद्यक के अनुसार यह रोग वालको को जन्म के बारहवे कामावशायित- सझा स्वी० [सै०] १ सत्य सकल्पती जो योगियों की दिन या चारहवें महीने या बारहवे चर्प होता है। इसमें रोगी अाठ सिद्धियो या ऐश्वर्यों में से है। २ मनिग्रह (को०)। । । ज्वरग्रस्त होकर हँसता है, वस्त्रादि उतारकर फेंक देता है। कामावसविसधा पुं० [सं०] इद्रियनिग्रह (को॰) । अधिक साँस लेती है और अडवर्ड वैकता है। कामावसायिता-सा स्वी० [सं०] दे० 'कामविशायित्ना'। २. धन की कामना रखनेवाली स्त्री (को०)। काभि- सुज्ञा पुं० [सं०] कामुक [को०)। कामुक -वि० [सं० कामुक, कामुक] ३० ‘कामुक' । उ०—जिनके कामि-सको ओ० काम की स्त्री । रति (को०) चिलोकत ही विलात, असेस का मुकि क्रोम के --पोद्दार अभि० प्र०, पृ० १५७ । शर्मिक'–वि० [सं०] इच्छित । चाहा हुमा । जिसकी कामना की। कामुकी--वि०बी० [सं०]भत्यते रति की कान्छी रखनेवाली 1 घसी। | जय (को॰) । व्यभिचारिणी (का०) । कामिक-सा पुं० वन स । करिब पक्षी [ये ।। कामेडियन--संज्ञा पुं० [अ० कमेडियन] } मादि रस या हास्य रस अपिका-सा बी० [सं०] धावण कृष्णा पादशी । का अभिनेता । ३. सुखात नाटक लिखनेवाला ।