पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/३९०

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काभत ९०६ क्रि० प्र०—करना ।--- चलना ।—होना ।—मे माना। चलते हुए कार्य की देव भाल करना । काम ही जीव करना । मुहा०—काबू में करना या काबू करना = वश में करना । फावू (२) अपने कार्य या मृतल 7 की मोर ध्यान रवाना । जैसे--- चढ़ा यो काबू पर चढ़ना अधिकार में ग्राना । दाँव पर। तुम अपना काम दे, तुम्हें इन •झगड़ी से क्या मतलब । काम चढ़ना । काबू पाना = अधिकार पाना । बीच पाना । बँटा = किसी गम में शरीक होना । किसी काम में महामता काभत–संज्ञा पुं० [सं० फाभवें] बुरा पति । बुरा स्वामी(को०) । करना । सहायक होना । फाम वनना = मानला वनना। कामध’ ----वि० [सं० कामन्दि] ३० 'कामाध, । उ०—नेर नारि जात बनना । फाम बिगडना = वान जिवना। मामा भए कामध अघ ।-हमीर रा०, पृ० १९ । बिगड़ना । फाम भुगतना = नाम निपटन। । काम पूरा होना। कामध’ - सच्चा पुं० [सं० पबन्ध] दे०' कवध'। उ०—घरी एक काम भुगताना = कार्य समाप्त करना । काम पूरा करना । रविमल छिद्रकारी । तुटे कध कामा नौ जुद्ध नारी ।—पृ० यामि लगाना =५म जारी होना । कायं का विधान होना। ०, १२ । १४१ ।। किसी वस्तु के निमित परने का अनुष्ठान होना । जैसे—(क) काम'—सज्ञा ५० [सं०] [ कामुक, कामी ] १ इच्छा । मनोरम् । महीनो से काम लगा है, पर मदिर अभी नही तमार ३ग्रा । यौ० - कामद। कामप्रद । । (9) जहाँ पर काम लगा है, वहाँ जाकर देखभाल करो । २ महादेव । ३ कामदेव । ४. इद्रियो की अपने अपने विपयो को कप्त लग रहना = व्यापार जारी रहना । जैसे-कोई प्राता मोर प्रवृत्ति (कामशास्त्र) । ५ सहवाग या मैथुन की है, फोई जाता है, यही काम दिन रात लगा रहता है। इच्छा ।। चतुर्व में या चार पदायों में से एक । ७ प्रद्युम्न (किमः पक्ति से) काम लेना = कार्य में नियुक्त करना। (को०) । ८ वनराम (को०)। ६ ईश्वर (को०) । १० प्रेम कार्य करना। कम सीना = काम सिद्ध यह पूरा होना । (को०) । ११ वीर्य (को०)। शुक्र (को०) । १२ एक प्रकार उ०—प्रसन होइ शिव शिवा काम मी सुइँद बन -१० का आम (को॰) । ० २५ । ३४ | फाम होना =(१) मरना प्राण जाना । काम-सज्ञा पुं० [सं० कर्म, प्रा० कम्म]१ वह जो किया जैसे-गिरते ही उनका काम हो गया । (२) अत्यत कष्ट जाय । गति या किया जो किसी प्रयत्न से उत्पन्न हो । पहचना । जैसे- तुम्हार या उठाने जाने का काम व्यापार । कार्य । जैसे,—सव लोग अपना अपना काम कर होना च।। २ कठिन काम । मुश्किल बात । शीत या वाल का कार्य । क्रि०प्र०—करना ।—-बिगडना ।—होना । जैसे-वह नाटक लिख कर उन्होने काम किया। यो०--कामकाज। कामवधा । कामधाम । कामचोर ।। महा० फाम रखता है। बड़ा कठिन कार्य है। मुशकिल मह ०.--काम अटकना = काम रुकना । हर्ज होना । जैसे-उनके वात है । जैसे- इस मद में से होकर जाना काम रखता है। बिना तुम्हारा कौन सा काम अटका है । काम आना= ३ प्रयोजन ! अयं । मत र । उदृश्य । जैसे-हमारा काम मारा जाना। लडाई मे मार जाना। जैसे,--उस | हो जाय तो तुम्ह प्रसन्न कर देगे । लडाई में हजारों सिपाही का म अाए । फाम फर मुहा:--फान करना = अर्थ साधना । मतल निकालना । जैसे वह अपना काम कर गया तुम किते ही रह गए । काम विखाना = महत्वपूर्ण काम करना । उ--जम गए काम फा = जिससे कोई प्रयोजन निकले । जिनसे कोई उद्देश्य सिद्ध कर दिखाएँगे । कौन से काम हैं नहीं कस के l--नुते, हो । जो मनल का हो । जैसे--काम का मादमी । काम पृ० २६ । काम करना=(१) प्रभाव डालना। प्रसर करना। चलना = प्रोजन निकलना । अयं सिद्ध होना। अभिप्राय जैसे- -यह दवा ऐसी बीमारी में कुछ काम न करेगी । (२) साधन होना । कार्यनिर्वाह होना । जैसे इतने से तुम्हारा प्रयत्न मे कृतकार्य होना । जैसे—यहाँ पर बुद्धि कुछ काम काम नही चलेगा काम चलाना = प्रयोजन निकलना । अर्य नही करती । (३) सभोग करना । मथुन करना-(बाजा)। सिद्ध करना । कार्यनिर्वाह करना । आवश्यकता पूरी करना । काम के सिर होना या काम सिर होना= काम में लगना । जैसे--इस वर्षं इसी से काम चला। करन निकलना=(१) जैसे --- महीनो से बेकार वैठे थे, काम के सिर हो गए अच्छा प्रयोजन सिद्ध होना । चट्ट प्य पूरा हुन । मतलब गैठना । हुआ । काम चलना = (१) काम जारी रहना । क्रिया जैसे—काम निकल गई, अब वो हमारे १३ आवेने ? 39सफादन होना । जैसे--सिंचाई का काम च न रहा है । मुफ्त निकले काम तो क्यो खर्चे दाम ? । (२) कार्य काम चलाना = काम जारी रखना । घघा चलता रखना। निवृह होना । आवश्यकता पूरी होना । जैसे इतने से कुछ काम छैन = फाय आरभ करना । उ०—काम छेदा छूटता काम निकले तो ले जा । काम निकालना =(१) प्रयोजन छोई नहीं। टूटता है दम रहे तो टूटता ।---चुभते, पृ० १३ । साघना। मतलव गठन । जैसे—यह चालाक अादमी है। काम तमाम या काम अखिर वरना = (१)काम पूरा करना । अपना काम निकाल लेता है । (२) कार्य निर्वाह फरना । (२) मार हाल ना । जान लेना । घात करना । कामतमाम अावश्यकता पूरी करना । जैसे--तब तक इसी से काम यो । खिर होना = (१) वाम पूरा होना । काम समाप्त निफीलो फिर देखा जायगा । काम पड़ना = अावश्यक होना । (२) मरना । जान से जाना । जैसे—एक डडे में होना । प्रयोजन पडना । दरकार होना । जैसे,---जब माम साँप को काम तमाम हो गया। काम देखना=(१) किसी पडेगा, तुमसे मांग लेगे । काम वनाना= अर्थ साधना।