पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/३७८

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काटना ६६४ काठ मुहा०—काटो तो खून या लहू नहीं = किसी दुःखदायी, भयानक (ख) सूरन मे यदि खटाई न दी जाय तो बह गा काटता है। या अपना रहस्य खोलने वाली बात को सुनकर एकबारगी सन्न २१ एक रेखा का दूसरी रेखा के ऊपर से चार कोण बनाते हुए हो जाना। स्तव्ध हो जाना । जैसे,—ज्यो ही उसने यह बात निकल जाना । २२ किसी जीव का Trमने से निक न जाना। कही, काटो तो खून नही । उ०—काने को देखते ही दरोगा जैसे,-- बिल्ली का रास्ता काटना बुरा समझा जाता हैं । २३ साहब के हवास पैतरा हुए । काटो तो लहू नही धदन में । घस्से से डोरी अादि तोडना । जैसे, पतंग काटना । २४ (किसी —फिसाना०, भा० ३, पृ० ५४। २ पीसना । महीन चूर मत का) खडन करना। अप्रमाणित करना । जैसे,—उसने जैसे, करना। भाँग काटना । मसाला काटना ।। तुम्हारे सब सिद्धांत काट दि । २५ घनतो गाड़ी से मान विशेष—इस अर्थ में 'कर्ता' प्राय वस्तु होती है, व्यक्ति नहीं। का गायव करना। २६ किसी शृखला में से कोई भाग जैसे,—यह बट्टा खूब मसाला काटता है । जुदा करना । जैसे,—तीन गाडियाँ इसी स्टेशन पर फाट ३. धाव करना । जख्म करना । जैसे,—जूते का काटना । ४ । दी जायेंगी । २७ शरीर पर कैप्ट पढ़चान । दुःखदायी लगना। किसी वस्तु का कोई अश अलग करना । जैसे,--(क) इस वर्ष बुरा लगना । नागवार मालूम होना । जैसे,--(क) जाडे नदी उधर की बहुत सी जमीन काट ले गई । (ख) उनकी में पानी काटता है । (ख) पढ़ने जाना तो इन न हके को तनख्वाह मे से २५) फाट लो । ५ युद्ध मे मारना । वध करना काटता है। जैसे,--उस लडाई मे सैकडो सिपाही काटे गए । ६ कतरना । मुह मुहा०-काटे खाना या काटने दौड़ना = (१) बुरा मालूम होना। व्योतना । जैसे,---तुमने अभी हमारा कोट नहीं काटा । ७ चित्त को व्यथित करना । (२) जी को उचाट करना । सूना छाँटना । नष्ट करना । दूर करना । मिटाना । जैसे,—पाप और उजाड लगना । जैसे,—उनके बिना यह मकान काटे काटना, रग काटना, मैल काटना, झगडा काटना ! ८ समय खाता है। उ०—येगम, अव पहले तो हम इस मकान को वितानी । वक्त गुजारना । जैसे,-- रात काटना, दिन कटना, बदलेंगे, काटे खाता है ।—फिसाना० मा० ३, पृ० २३ः । महीना काटना, जाड़ा काटना, गरमी काटना, बरसात कार्ट फी मत्र न होना = बाघों का प्रतिकार न होना । कटिना। रास्ता खतम करना । दूरी त करना । जैसे, विरोध को सामथ्यं न होना । उ०—यह वड़े जात शरीफ रेल हुफ्ती का रास्ता घटो मे काटती है । १० अनुचित हैं, उनके काटे का मत्र नही। --फिमान० भा० ३, पृ०, प्राप्ति करना। बुरे ढग से प्राय करना । जैसे, माल काटना । | १३९ । २८ पाखाना कमाना । मैला उठाना । -(लश०) । उ०—उसने उस मामले में खूब रुपए काटे । ११ कलम की चटर =वि० [हिं० कट्टर ! ३० कट्टर' उ-जाना काटेर एक लकीर से लिखावट को रद करना । छेकना । मिटाना। खारिज तुखारू। कहा सो फेरों ने असवारू ।—जायसी (शब्द॰) । करना । जैसे,—(क) उसने तुम्हारा लिखी सव काट दिया । काटल - वि० [सं० किट्ट, हि० काट] गोरचावा ।। जग लगा । (ख) उसका नाम स्कूल से काट दिया गया । १२ ऐसे कामो को उ०—काटल अवध भूझ कर मन मदाइण नन्न ।—बी० तैयार करना जो लकीर के रूप में कुछ दूर तक चले गए हो । ग्र०, मा० ३ ० २८ । जैसे, सडक काटन, नहर काटना । १३. एक नहर या नाली काटुक-सा पुं० [सं०] अम्लता । खटास [को॰] । के पानी का किनारा काटकर दूसरी नहर या नाली मे ले काटू-सज्ञा पुं० [हिं० काटना +ऊ (प्रत्य॰)] १. काटनेव ला ! जाना । जैसे,—इस खेत का पानी उसमें काट दो । १४ ऐसे। २ कटाऊ। डरावना । भयानक । कामो को तैयार करना जिनमे लकीरो द्वारा कई विभाग किए काट-सच्चा पु० [अ० कैश्यूनट ] एक प्रकार का वडा वृक्षे जो गए हो । जैसे,—खाना काटना, पारी काटना। १५ एक सख्या दक्षिण अमेरिका से लाकर भारत के दक्षिणी समुद्रतटो पर के साथ दूसरी संख्या का ऐसा भाग लगाना कि शेप न वचे । जैसे,--इस सख्या को सात से काटो। १६ वटने वाले के हाथ रेतीली भूमि में लगाया गया है । हिजली वदाम । पर रखी हुई ताश की गड्डी में से कुछ पत्तो को इसलिए विशेष--इसके तने पर एक प्रकार का गोद होता है जिससे उठान। जिसमें हाथ में आई हुई गड्डी के अतिम पत्ते से वोट कीड़े नष्ट होते या भाग जाते हैं। इसकी छाल में से एक प्रारंभ हो । १७ ताश की गड्डी का इस प्रकार फेटना कि प्रकार का रस निकलता है जिससे कपडो पर निशान लगाया उसका पहले से लगा हुआ क्रम न बिगडे |--( जादू ) १८ जाता है । इसकी छाल में से एक प्रकार का तेल भी निकलता जेल खाने में दिन विताना। कैद भोगना । जैये,- जेन काटना । १९. किसी विषैले जतु का हक मारना या दौत पॅसाना। है जो मछलियाँ पकडने के जालो पर लगाया जाता है। पासना । जैसे- सुप ने काटा, भिड ने काटा, कुत्ते ने फाटा । इसके बीजो से भी ते न निकलता है जो बहुत अशो में बादाम सयो० क्रि०-खाना । के समान होते हैं भूनकर खाए जाते हैं और उनका मुरब्बा मुहा०—काटने वौड़ना= चिडचिडाना । खी झना । जैसे—उससे भी पड़ता है । इसकी लकडी से सदूक, नार्वे और कोयला वनायी रुपया मांगने जाते हैं तो वह काटने दौडता है । जाता है । २० किसी तीक्ष्ण वस्तु का शरीर के किसी भाग में लगकर काठ-सच्चा पुं० [सं० काष्ठ, प्रा० कट्ट] १ पेड़ का कोई स्थूल अर्ग खुजली f ए हुए जलन और छरछराहट पैदा करना । जैसे (४ान तना अदि) जो अधार से ५ ग ही गया है । (क) पान मै चुना अधिक था, उसने सारा मु ६ काट लिया। लकी ।