पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/३३२

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| कला ४६ कलाद ३२ यज्ञ के तीन अंगों में से कोई अन् । मुत्र, द्रव्य और श्रद्धा ये कलाकार--सा पुं० [सं०] १. किसी कला का ज्ञाता प्रौर उरा कला में तीन यज्ञ के अग या उसकी कला हैं । ३३. यत्र । पॅच । । कार्य करनेवाला । कलावते । ३ कार्य कुशल । 'नलित कला का जैसे,—पथरकला। दमकला । ३४ मरीचि ऋषि की स्त्री का करने या वनानेवाला । नाम । ३५ विभीषण की बडी कन्या का नाम । ३६. जानकी कलाकारिता-सज्ञा स्त्री० [सं० फला+कारिता] कलाकुशलता । की एक सखी का नाम । ३७ एक वर्णवृत्त का नाम । कुशलतापूर्वक कार्य करने की योग्यता । विशेष---इसके प्रत्येक चरण में एक भगण और एक गुरु कलाकारी सच्चा सी० [हिं० कला +फारी] ३० 'कलाकारिता' । (sis) होता है। जैसे—-भाग भरे ग्वाल खरे । पूर्ण कला । कलाकाव्य--मज्ञा पुं० [सं०] वह काव्य जिसमें कला का अधिक सनानंद लला ।। वैषा हो । उ०-- पर उ टन ने शक्ति,काव्य में भिन्न को जो ३८ जैन दर्शन के अनुसार वह अचेतन द्रव्य जो चेतन के अधीन कलाकाव्य (पोएट्री इन ऐन माट) कहा है वह कला का रहता है। पुद्गल । प्रकृति । यह दो प्रकार की हैं--कार्य और उद्देश्य केवल मनोरजन मानकर --म०, पृ० ५७ । कारण । कलाकुल-सी पुं० [सं०] हेलाहन विप ।। कला-संज्ञा स्त्री॰ [स० कला] १ नकलबाजी । २ बहानेबाजी । कलाकुशल---वि० [सं०] किसी कला को कुशलतापूर्वक संपन्न करने ३०-पुनि सिंगार करु कला नेवारी। कदम सेवती वैठ | वाला । चतुर । होशियार । पियारी ।—जायसी ग्र २, पृ० १४४।। कलाकृनि---सूज्ञा स्त्री० [सं०] कतापूर्ण रचना । श्रेष्ठ कृति 1 . कलाई-सज्ञा स्त्री॰ [सं० कलाची] १ हाथ के पहुचे का वह भाग कलाकेलि संज्ञा पुं० [म०] कामदेव । जहाँ हथेली को जोड रहता है। इसी स्थान पर स्त्रियाँ चूडी क नाकौशल--सा पुं० [सं०] १. किसी कला को निपुणतुर । इनर। पहनती और पुरुप रक्षा वाँधते हैं। उ०—कहा पुरेखें करि रही। दस्तकारी । कारीगरी । २ शिल्प । इत देखे चित हाल | गई ललाई देगनि ते छुवत कलाई कलाक्षय-सज्ञा पुं० [सं०] चद्रमा की कामो का क्रमशः लाल --राम धर्म०, पृ० २४८ । घटना [को॰] । पर्या०—-मणिवध । गट्टा । प्रकोष्ठ । कलाक्ष अ---सया पुं० [सं०] कामरूप देश के अंतर्गत एक प्राचीन तीर्थ । २ एक प्रकार की कसरत जिसमें दो अादमी एक दूसरे की कलाई कलाचिक, कलाची---सज्ञा स्त्री० [सं०] १ कलाई । २ कलछी[को॰] । | पुकरते हैं और प्रत्येक अपनी कलाई को छुडाकर दूसरे की कलाजग-सज्ञा पुं० [हिं० कला+जग) कुश्ती का एक पेंच । कलाई पकड़ने की चेष्टा करता है। बिशेप--इसमें विपक्षी के दाहिने पैतरे पर खडे होने पर अपने क्रि० प्र०—करना । बाएँ हाथ से नीचे से उसका दाहिना हाथ पकड़कर अपना वाँया कुलाई-सच्चा सौ० [सं० कलाप] १ पूला। गट्ठा। २ पहाडी घुटना जमीन पर टेकते हुए दाहिने हाथ से उसकी दाहिनी रान प्रदेश में एक प्रकार की पूजा जो फसल के तैयार होने पर अदर से पकड़ते हैं, और अपना सिर उसकी दाहिनी बगल मे होती है । से निकालकर वाँएँ हाय से उसका हाथ खींचते हुए दाहिने हाथ विशेष—इसमे फसल के कटने से पहले दस बारह वालो को से उसको रान उठाकर अपनी बाईं तरफ गिराकर उसे चित इकट्ठा बाँधकर कुलदेवता को चढ़ाते हैं । कर देते हैं । फलाई-सी जी० [सं० कलापी= समूह १ सूत का लच्छा। करछा । कुकरी । २ हाथी के गले में बाँधने की कलावा कलाजीजा- सच्चा झी० [सं०] कलौंजी । मॅगना । जिसमे पैर फंसाकर पीलवान हाथी हाँकते हैं । ३ दुवा ।। कटिन---सज्ञा पुं० [सं०] वजन की एक जाति का एक पक्षी(को०] । अलान । कलातीत--वि० [सं०] सभी प्रकार की कुल से परे । उ०—कलाई+--सच्चा खौ० [सं० कुलत्थ उरद । कलातीत कल्यान फल्पातकारी । सदा सज्जनानद दावा कलात-वि॰ [हिं० कलावत] दे० 'कलावत' । उ०—कर [उ त पुरारी ।—मानस, ७ । १०८। काजे भजन बारहमासी सखि लीने आप मुख गावे राग रागिनी मुख गावे राग रागिनी कलात्मक-वि० [सं०] कलापूर्ण । कलामय । न राचवो ।—श्रीनिवास प्र ०, पृ० २७ । कलाद--सज्ञा पुं० [सं०] सोनार। उ०—जा दिन से तजी तुम तो कलाकद-सज्ञा पुं॰ [फा०५कलाक द] एक प्रकार की वरफी जो खोए । दिन त प्यारी १ केलाद कैसो पेसो लियो अधम ग्रन है और मिस्री की बनती है। उ०—कलाकद तजि वनजी खारी । अइया मनुषहु बुझि तुम्हारी।--सुदर ग्र०, मा० १,१० ३२८। (शब्द॰) । कलाकर'-सज्ञा पुं० [सं०] अशोक को तरह का एक पेड ।। कृलादक---सा पुं० [पुं०] ३ 'कलाद'। विशेष—यह वगाल और भदरास मे होता है । इसे कहीं कहीं कलादा -सज्ञा पुं० [स० कलाप, हि० कला] हाथी को गर्दन पर | देवदारी भी कहते हैं । वह स्थान जहाँ महावत वैठता है। कलावा । कि नावा। उ०कलाकरवी पुं० [सं०] कलाओं का कर, चंद्रमा । कलाधर । चारिहु वधु कवहु सीखने हित सखन सहित प्रहलादे । सज्जित उ०---कुरप्पन प्रथिराज तपे तेजह से महावर । सुकल बीजु सिधुर सकल भाँति सो वैठहि अापु क न दे ।-रघुराज दिन इवें कुश दिन चढ़त कलाकर !-पृ० रा०, २।२। (शब्द॰) । , प्रकार की पृ॰ ३२६॥ है। उ. कलाइयों मनुषहीं की तरह का एक यह वगाल और