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कमंसौंदर्य २३३ कुर्मबंध, कर्मबंधन र भर नायो लील

  • उप श

अवतार । सुधापान दोन्ही मुरगण को भयो जग जस कर्मवव, कर्मवचन--स पु० [मु० कर्मबन्ध, कमंबन्धन] अच्छे बुरे विस्तार ।—सूर (शब्द॰) । | कामों के अनुसार जन्म और मृत्यु का वधन या चक्र ।। कर्मवादा-सा पुं० [सं० फेमवादिन् कर्मकार्ड या कर्म को प्रधान कर्मभू--सा श्री० [सं०] अायवर्त देश। भारतवर्ष । दे० 'कर्मक्षेत्र' | माननेवाला । मी मास्क ! कर्मभूमि--संज्ञा स्त्री॰ [सं०] दे॰ 'कर्म म्' ।। कर्मवान्---वि० स०वेदविहित नित्य कर्म को विधिपूर्वक करनेवाला । कमंभोग--सा पु० [सं०] १ कमफल। करनी का फन । २ पूर्व कम करनेवाला । क्रियान् ।। जन्म के कम का परिणाम । कर्मविपाक-सज्ञा पुं० [सं०] पूर्वजन्म के किए हुए शुभ और अशुभ कर्ममार्ग - संज्ञा पुं० [३०] विहित कर्मों द्वारा मोक्षप्राप्ति का कमों का भला और बुरा फल । उ०—राम विरह दशरथ | मार्ग (को॰] । दुविन कहति के केई काकु । कुसमय जय उपाय मुव केवल कर्ममास -सज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का महीना जो ३० सावन । कर्मविपाकु --तुजसी (शब्द॰) । दिनो का होता है। सावन मास को०] । विशेष-पुराण के मृत से प्राणी अपने कमों के अनुसार मला पा कमंमून - पुं० [सं०] कुश । कुशा [२] । कमयुग--उज्ञा पुं० [सं०] कवियुग ! बु। जन्म धारण करता है, और पृथ्वी पर घन, ऐश्वर्य इत्यादि का सुख या रोग इत्यादि का के ! भोगता है। किन कर्मयोग--8) पु०[सं०] १ चित्त शुद्व करनेवा शास्त्रविहित कर्म । उ०---कर्म योग पुनि ज्ञान उपमन सुवही भ्रम मर मायो । किन पापा में कौन कौन ३ ब मोगने पड़ते है, इभका विवरण श्री वल्लभ गुम् तत्त्व सुनायो लीला भेद बतायो।—सूर गरुण पुराण आदि ग्र यो में है। (शब्०) । २ उन शुभ और कर्तव्य कर्म का साधन जो कर्मवीर-वि० [सं०]प्रशमनीय दुग से कार्य करनेवाला । दृढ़तापूर्वक सिद्धि यौर असिद्धि में नमान भाव रवकर निखिप्त रूप से किया कार्य करनेवाला । विन बाधाञी में विवन व से कार्य जाय । इसका उपदेश श्रीकृष्ण ने गीता में विस्तार के साथ। करनेवाला 1 पुरुषार्थी। किया है। कर्मशाला- संज्ञा स्त्री० [सं०] जहाँ कार्य किया जाता है। करवाना कर्मयोगी- सज्ञा पुं० [स० फर्मयोगिन्] कर्ममार्ग का अनुयायी । अादि । उ॰--प्रपने हैन विहारों के दौरान में कर्मशाला,मनी, दृड़तापूर्वक कार्य करने वाला व्यक्ति । कुप, विपगि निमणिशाला"" "" हिदु० समता, पृ० २२५ । कमरग-सा गु० [सं० फर्मरह] १ कुमरखे का वृक्ष । २ कम कशील-संज्ञा पुं० [भं०] १. वह जो फल की प्रतिपा छोड कर रख का फल ।। स्वभावत काम करे । कर्मवान् । २ यरनवान् । उद्योगो । कर्म रत-वि० [सं०] काम में लगा हुआ । काम में लीन ! उ० । कर्मशुर--सा पुं० [सं०]वह जो सहम ग्रौर देना के साथ कम करने श्याम तन, मर वैधा यौवन, नत नयन, प्रिय कर्मरत मन । में प्रदत्त हो । उद्योगी । कर्मवीर । अनामिका, पृ० ७३। कमंशोच-सण पुं० [सं०] विनय । नम्रता [ये । कमंत्र--सा स्त्री० [सं० फर्मरेखा] कर्म की रेखा । भाग्य की । कर्मसग–ज्ञा पुं० [सै० कर्म सङ्ग] सामरिक काप और उनके फो। विखन । तुकदार । उ०—कर्मरेख नहि मिट करे कोइ लाखन | के प्रति अासक्ति किये। चतुराई (शब्द॰) । कसवि---सज्ञा पुं० [सं० कर्मपन्धि] दुर्ग उनाने के साध में दो कमरेला--संज्ञा स्त्री० [सं०] ३० 'कमरेख' ।। | राज्यों के बीच सुधि [को॰) । कर्मलीन--क्रि० वि० [सं०] कर्म में डूबी हुई। कर्म मय कर्मयुक्त। कसन्यास-सुज्ञा पुं० [भ० कर्मसन्पास] १. कर्म का त्याग । २. ३०-वाराएँ ज्योति सुरभि उर भर, वह चली चतुर्दिक् । के म के फन का त्याग । यमंलन ।--अपरा, पृ० ३६ । । २. कर्मसंन्यासी-सी पुं० [सं० कर्मसन्यासिन्] कर्मत्यागी । यी । कर्मवत --वि० [म० फर्मवत कर्मनील । कमंड। काम करने कमाशो'-वि० [सं० कर्म साक्षिन्] जो क्रमों का देउवाना हो । वाला । उa---जर्व कर्मवत पवित्र मनुष्य ऋतु योनि ने इस जिसके सामने कोई कमि हुमा ।।। मौर भूत अात्मग्नि को धारण किया।-कवीर०म० ३६७।। | कर्मसाक्षी--- पुं० वे देवता । प्राणियों के को देयने रहने कमवस पुं० [वै] चिकित्सा मे असापघानी जिनमें रोगी को | हैं और उनके साक्षी रहते हैं। | हानि पहुच जाये फिौ। विशेप-यै न हैं--पुर्य, चंद्र, यम, काल, पृथ्वी, जल, अग्नि, कमबघ वैगुण्यकर--सुश पुं० [नं०] चिकित्सा में अमावधानी के | कारण बीमारी का बढ़ जाता [को॰] । वायु पर प्रकाश । कमवाच्य क्रिया-सा झो० [नै०] वह क्रिया जिसमे फर्म मुख्य होकर कसिद्धा-सा पुं० [स० फर्म सिद्धान] कनवाद । उ०-इसे केतु के रूप से घाया हो और जिनका लिंग, वचन उनी में । जटिन प्रश्न के उत्तर में उपनिषद् फद्धिात फ। प्रतिपादन के अनुसार है । जैसे,--पुस्तक पढ़ी जाती है ! करते हैं ---इ० सपना, पृ० १२५ । कमवाद-- रा ० [४०] १ भीमासा, जिभे कर्म प्रधान माना गया कमिदिर्य-संज्ञा पुं० [भ० में +मपं| Fमं में निहित मोदयं । है । २. कर्मयोग । उ०--कर्मवाद ब्यापन को प्रगटे पृश्निन् । कर्न की महान ३५वे प्रेम के निये जीवनयापी गौंदर्य __