पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/२८४

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कमलाक्ष कमान कमलाक्ष--सुज्ञा पुं० [सं०] १. कमल का वीज । कमलगट्टा । ३. कृमहा-वि० [हिं० काम+हुर (प्रत्य०)] १ काम करनेवाला। दे० 'कमलनयन'। २ मजदूर। कमलाग्रजा---सज्ञा स्त्री॰ [स०] लक्ष्मी की वही वहन दरिद्रता । कमहिम्मत–वि० [फा० कम+अ० हिम्मत] जिसमें साहस कम कमला निवास—सच्चा पु० [सं०] १ लक्ष्मी के रहने का स्थान । २. | हो । डरपोक ।। कमल का फूल । कमल । कमहैसियत-वि० अ० [फा० कम + अ० हैसियत] १ अप्रतिष्ठित । कमलापति--सज्ञा पु० [सं०] लक्ष्मी के पति विष्णु । २ हीन आर्थिक स्थितिवाला । ३. अकुलीन । कमलालया-सशा स्त्री० [सं०] १ वह जिसका निवास कमल में हो। कमांडरसन्ना पु० [अ०] फौज का वह अफमर जो लेफ्टिनेंट के २ लक्ष्मी। उपर और कप्तान के मातहत होता है । कमान । कमान कमलावती--सच्चा बी० [सं०] पद्यावत छद का एक दूसरा नाम । अफसर । कमलासन--सञ्ज्ञा पुं० [न०] १ ब्रह्मा । २ योग का एक प्रासन जिसे । यौ--फमाड़र इन चीफ । | पद्मासन कहते हैं । दे० 'पद्मासन'। कमांडर-इन चोफ--सज्ञा पुं० [अ० कमांडर इन चीफ] फौज का भवने कमलिनी-संज्ञा मी० [सं०] कमल । २ छोटा कमल । ३. वह | वड़ा अफसर । प्रधान सेनापति । सेनाध्यक्ष । तालाब जिसमे वहुत कमल हो। कमणि -सज्ञा स्त्री॰ [फा० फमोन] घनुप। ३० –सतगुरलई कमलिनीकात-सज्ञा पुं० [सं० कमलीनीकान्त ] सूर्य (को०] । कमणि करि, वौहण लागा तीर । एक जु वाह्या प्रीति से, कमलिनीवघु–सज्ञा पुं० [सं० कमलिनीवन्धु] सूर्य [को॰] । भीतर रह्या सरीर ।--कवीर ग्र०, पृ० १।। कमली--सशी पुं० [स० कमलिन्] ब्रह्मा ।। कमच-सज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ कमाच'। उ०—की भाषा का कमली--सज्ञा पुं० [हिं० कमरा] छोटा बल । उ०—शिशिरकणी सस्कृत, प्रेम चाहिए सच । काम जो अार्वं कामरी, को ले कर | से लदी हुई, कमली के भीगे हैं सब तार ।-झरना, पृ० ५। । कमांच |–सतवाणी०, पृ० ७५। कमलेक्षण-सज्ञा पुं० [सं०] वह जिसके नेश कमल जैसे हो । कमा—संज्ञा स्त्री० [सं०] सौंदर्य । लावण्य । छवि (को॰] । विष्णु [को०] । कमाइच-सच्चा स्त्री० [फा० कमान] १ छोटी कमाने । कमानची । कुमलेच्छन--सज्ञा पुं० [स० कमलेक्षण] कमलनयन । विष्णु । २ सारजी बजाने की कमानी । उ०—वीना बेनु कमाइच उ०-- चारि बरदानि तजि पाइ कमलेच्छन् के, पाइक मलेच्छन गहे । वाजे तहँ अमृत गहगहे !-—जायसी (शब्द०)। के काहे को कहाइयै ।---कवित्त०, पृ० १०० । कमाई-सज्ञा स्त्री० [हिं० कमाना] १. कमाया हुअा घन । अजित कमलेश-संज्ञा पुं० [सं०] लक्ष्मी के पति विष्णु । द्रव्य । उ०-गहा वह उवारू तोहि राई । यहि हुसते की कुमलो--संज्ञा पुं॰ [स० क्रमेल, यू० कमेल] ऊँट । साँडियो ।। अहै कमाई 1---कवीर सा०, मा० ४,१० ५५७ । क्रि० प्र०—करना ।—होना । उष्ट्र ।---हिं० ।। कमवाना-क्रि० स० [हिं० कमाना फी १० रूप] १. (धन) १. कमाने का काम ! व्यवसाय । उद्यम् । स्वधा । जैसे,- दिन उपार्जन कराना। (रुपया) पैदा कराना । २ निकृष्ट सेवा भर किस कमाई में रहते हो । कराना । जैसे,—माखाना कमवाना (उठवाना) । दाढी कम कमाऊ----वि० [हिं० कमाना] उद्यम व्यापार में लगा रहनेवाला । वाना 'मुडाना) । ३. किसी वस्तु पर मिहनत करके उसे घनोपार्जन करनेवाला। कमानेवाला । कमासुत । जैसे,— कमाऊ पूत । सुधरवानी या कार्य के योग्य वनवाना । जैसे, चमड़े। कमवाना, कमागर-सा पुं० [हिं० कमगर] दे॰ 'कमगर...'१.। उ० खेत कमवाता । जनहरिया सतगुर इसा जिसा कमगर होय । शब्द मशकला कमसलुन--वि० [फा० कम+सख न] मित मापी । अल्प मापी । कम फेर करि दाग न राखें कोय ।--राम० धर्म०, पृ० ५४ ।। वोलनेवाला (को०] । कमाच-सज्ञा पुं० [१] एक प्रकार का रेशमी कपडा । उ०—काम जो कमसमझी सज्ञा स्त्री॰ [फा० कम + हि० समझ] अल्पज्ञता । मूर्खता। | भाव कामरी का लँ करे कमीच |–तुलसी (शब्द॰) । नादानी । उ०—-मेरी कमसमझी र खझिकर रानी ने कमाची.-सज्ञा स्त्री० [ह० कमची] ३० 'कमची'। क --ज्ञानदान, पृ० ३५ ।। कमाचोरे-संज्ञा स्त्री॰ [फा० कमानची] कमान की तरह झुकाई कुमसरियट-सज्ञा पुं० [अ०] सेना का वह विभाग जो सेना के हुई तीली । रसद पानी का प्रबंध करता है। फौज के मोदीखाने का कमाचीदार-वि० [फा०] कमानीदार । घुमावदार । कमेचीदार । मुहकमा । उ०—अपने कमाचीदार गौन को, जो किसी बड़े छाते से कम कमसिन–वि० [फा०] [सच्चा स्त्री० कमसिनी] कम उम्र का। छोटी । नहीं होते।--प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० २६१ । । अवस्था का ! अल्पवयस्क । कमान?--सुज्ञा स्त्री॰ [फा०] १ घनुष । कमठा। कमसिनी-सज्ञा स्त्री० [फा०] लड़कपन । बचपन,। कम उमरी । अल्प ; यो०-कमानगर । नमस्ता । मुहा०—कमान उतारना = कमान का चिल्ला या रोदी इवार