पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/२३७

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७५३ कई दही कटी कटिल्ल ल्ला पु० [सं०] लौकी का एक भेद [ये । कटाह-सुंज्ञा पु० [सं०] १ कड़ाह। बड़ी कड़ाही । २ कछए का वपडा । ३. कू । ४. नरक । ५. झोपडी । ६. भैस का पॅडवा कटिसूत्र- संज्ञा पुं० [स] करगत । कमर मे पहनने का डोरा । जिसके नीन निकल रहे हैं। । ७ ह । ऊँचा ला । ८. कुं । की क्रधनी। उ० - कत किंकिण कटिसूत्र मनोहर । वाहु विशाल विभूषण सुदर।--तुलसी (शब्द०)। कूप (को०) । ६ शूर्प । सूप (को०) । १०. टूटे घडे का टुकड़ा या कटी- संज्ञा स्त्री० [सं०] १ कटि । कमर । २. पिप्पली [को०] । वेड (को०)। ११. पूंज। समूह । देर राशि (को०)। १२ । कटोतल- ज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार की टेढी तलवार (को०] । नरक (को॰) । कटर-सुंज्ञा पुं० [सं०] १ ग ढा । २ नितंब में पड़ने वाला गड्ढा कटाहक--संज्ञा पुं० [अं॰] इाह । डाहा ।। कि॰] । कटिग--सुज्ञा स्त्री० [अ०] १. कतरन । २ किक्षी विवरस का काट = की कटोरक–संज्ञा पुं० [सं०] नितंब कि०] । कर सकूलित अजु । उ०-लेखक कुछ अखबारों की कटिंग की । कटीरा-संज्ञा पु० [हिं० कतीरा] दे॰ 'कतीरा' । बात करेगा । ३ काट छाँट । कटाल--संज्ञा देश॰] एक प्रकार की कपास जिसे बरी - कटिजरा-ज्ञा • चिं० कटिजरा] संगीत में एक साल का नाम। | र बंगई भी कहते हैं । कटि---चज्ञा सी० [सं०] १ शरीर का मध्य भाग जो पेट और पीठ कुटोला'- वि० [हिं० कांटा या काट + ईला][स्त्री० कोटली (प्रत्य॰)] के नीचे पड़ता है। कृमर। लक। १. काट करनेवाला । तीक्ष्ण । चोखा । २ वहुत तीव्र यौ०–फटिचलिन । कटनेव । कटितट। कटिदेश । कटिबई । प्रभाव डालनेवाला । गह। अउर करनेवाला। जैसे,--कटीली | कटिवद् । कन्शूिल । फदिसूत्र ।। वात् । उ०- अँखिया तोरि कटीली देखि के फाटे छतिया । २ देवालवे का द्वार। ३ हाथी का गंडस्थल । ४ पीपल । —प्रेमघन॰, भा० २, पृ० ३४२ । ३. मोहित करनेवाला । पिप्पली । ५. नितंब | चूतड । ३०--नासा मोरि नचाय दृग कृरी कृका की सह । काँटे ल कटिका - ज्ञा स्त्री० [३०] नित्व [को०] । कक्षकति हिये वहै कटीली भौंह --विहारी (शब्द०)। ४ कटचालन--संज्ञा पुं० [सं० कडि+चालन] कमर लचकाना। कमर नोकझोक का । अनवानवाला । जैसे ---कटोला जवान । चाना | कमर की गति व्यजित करना। कुटीला--वि० [हिं० कटा] १. कांटेदार । कांटो से भरा हुआ । २ कटिजेव--संज्ञा स्त्री० [स० कर+फा० जेव] किंकिणीं। करधनी ।। | नुकोला। तेज । उपजर की खंजरीट नैनन की कि मीन मानस को झज्ञा_अना। वो मान मानस का कटीला—सुज्ञा पुं॰ [हिं० कांटा] एक नुकीली लकडी जो दूध देनेवाले केशोदात्त जलु हैं कि जारु है। अंग को कि अंगराग गा। पशुओं के बच्चो की नाक पर इसनिये वाघ दी जाती है। कि गलसुई किंध कटिजेब ही को उर को कि हारु है । जिसमें वे अपनी माता का दूध न पी सके । केशव (शब्द०)। कटीला-संज्ञा पुं० [हिं० कतीरा दे० 'कतीरा' । कटितट–संज्ञा गुं० [१०] कमर । कटिभाग वि०] । कटू-सज्ञा पुं॰ [सं०]1. छह रसो में एक जिमुका अनुभव जीभ से कटत्र-सज्ञा पुं० [सं०] १ करधनी । मेखला । २ घोत को०] । होता है । चरपरा । कडुअा । कटिदेश--संज्ञा पुं॰ [सं०] १ केटि । कमर । २ नितव (०] । विशेप-इंद्रावन, चिरायता, मिर्च, पीपल, मूली, लहसुन, कपूर केटिनी-सुंज्ञा स्त्री॰ [सु०] हथिनी को । अादि का स्वाद कटु कहलाता है। कटिप्रोथ---ज्ञा पुं० [सं०] नितव को०] । २ कडवाहट । कड़वापन (को०)। ३ काव्य में रस के विरुद्ध वण कटिबंध--संज्ञा पुं० [स० कटिवन्य] १ कमरवद । २. गरमी सरदी के की योजना । जैसे,— गार में ट, ठ, ड आदि वर्ण । विचार से किए हुए पृथ्वी के पाँच भागों में से कोई एक । Tई एक कटूर--वि० १. कडवा । २. जो मन को न भावे 1 बुरा लगनेवाला । जैसे,- उप्ण कटिबध । अनिष्ट । जैसे,--कट वचन । उ०—देखहि रात भयानक कटिवद्ध–वि० [सं०] १. कमर वधेि हुए । २. तैयार। तत्पर। सपना । जागि करहि कट कोटि कल्पना ।—तुलसी (शब्द०)। उद्यत । ३. तुरा या उद्वेगजनक । कटिया--सज्ञा स्त्री०[हिं० कारना]१ नगो वा जवाहिरात को काट- कटुआ --संज्ञा पुं० [हिं० काटना] १ काले रंग का एक कीडा जों छोटकर सुडौल करनेवाला । हुक्काक । २ छोटे छोटे टुकडो में धन की फसल को जमते ही काट डालता है । वाँका । २. कटा हुआ चौपायो का चारा । नहर की वड़ी शाखाम्रो अर्थात् राजवहा में से काटकर लिए कटिया—संज्ञा स्त्री० [हिं॰] दे॰ 'कटिया' ।। हुए पानी की सिंचाई । ३. गले का एक गहना जिसके किनारे कटियाना —क्रि० अ० [हिं० कोट] हर्प, प्रेम आदि में मग्न होने कटे हुए होते हैं। दे॰ 'कटवा' । ४ मुसलमान । के कारण रोप्रो को काँटे के समान खडा हो जाना । कटकित कुटुr--वि० [हिं० कटना] कई खडो में कटा हुमा । टुकडे होना । पुलकित होना। | टुकडे । उ०—बटुआ केटा मिला सुवासू । सोझा अनयन भांति केटियाली–सुज्ञा स्त्री० [म० कुपटकारि भटकटैया । | गरासे ।-जायसी (शब्द॰) । कुटिरोहक–सुज्ञा पुं० [सं०] हाय के कहिं भाग की ओर आसीन कुटुई दही सज्ञा स्त्री॰ [हि० काटना + वही वह दही जिमके ऊपर व्यक्ति जो फीलवान न हो कि]। की साड़ी काट या उतार ली गई हो । छिनुई दही । छिक्का ।