पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/९१

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अतैवायु अंतवाणी अतवयु--सच्चा स्त्री॰ [ ई० अन्तर्वायु ] हृदयस्य वस्तु । प्राणवायु । अतवेदी--सा ग्नी० गगा दमः । " ब ग भूमि या उन । गदड़ । उ०—–अतर्वायु मिरधि पूर्णत कर रत अविरत तप, देश । मे |--पार्वती ०, पृ० १२१ । । अतर्वेध–समा पु० [ • अन्तर्वेध ] मरीर ही है या 12 में होने अतवप१-- पधा पुं० [ ऋतर्वाष्प ] दे० 'अतरवाप्प' । | वाला देद [फा०] । अतर्वाष्प’---वि० अस से भरा । अथुपूरित (को०) ।। अंतर्वे शिक---सी ५० [ ५० अन्तयमय ] स पु वा रक । इनानअतर्वास--सहा पुं० [सं० अन्तर्वास ] दे० 'अतस्त्र' (पौ०) । पान की रयाली ने पानी । । ।। अतर्वासक--- सहा पु० [सं० अन्तर्वासिफ मी तर पहना जानेवारन वन्न । अतवंयम----राधा ५० [ म० अन्तम ] भीन) १२ । गृहू 7 नगरी अँतरीटा । उ0---(क) फिर चाहे शाप त्रिपिटक में ही प्रमाण । | हिस्सा | कइ० ]। क्यो न दें कि विना असन, चीचर इत्यादि के भारत का अतश्वि -म मुं० [अन्तरिम 1 प । पुन TT निरी, । - कोई भी निशू नहीं रहता था, पर ये व मानने वाले |-- थनिगः [ हो०]। अधी, १०८ । (ख) तरुणी मा घुटने तय लटनेवाला अतव्याधि--, प्री० [५० प्रतfu | ग गी | यानि प्रतवासक हुवा म फड फडा रहा था |--व० न०, पृ० १३६ । राग [ो 1। अतविकार--स्त्री० पुं० [सं० अन्तर् + विकार] शरीर को धम् । गर्ने । श्रतत्रंण---गघा १० [ ६० अन्तत्रं ग 1 शरीर में भी 7 नेपाली | शारीर सवधी अनुभव, जैसे भूख, प्यास, पीडा इत्यादि। फोदा | गो० } ।। अतविद्रोह-सधा पुं० [तर अन्तर् + विदोह] विद्रोह । गृहयुद्ध । उ०-- नन , f a } 1:। में । २.८ का पर्दैन । तःत । विपत्तियों के बादल घिर रहे हैं, अतविद्रोह की ज्वाला मोतर [ १० ] । प्रज्वलित है, इस समय मैं केवल एक सैनिक बन सकेंगा, सम्राट | अतर्हस्तीन--० [३० अन्तर्हन्तान से 13 की पन ने भीतर हो नही |--कद० पृ०, ७६ ।। अवरोध-सक्षा १० । १० अन्तर् + विरोध ] अतरिक विरोध । | या जो रगत दो [ सं . ]। भीतरी झगडा । उ०——आर्य साम्राज्य के अतविरोध और अतहस-सपा पुं० [ १० अन्तर} भी पो । भर ही नी" दुर्वलता को प्रक्रिमण वारी 'भली भांति जान गए हैं। ---गाद०, हुमना । मन ही मन र ६ । प्रत्र । । गृट हुन् । पृ० ७० | अर्ताहत-वि० [ अन्तरित ] तिरहिन । ददन । गुप् । गाय ।। अतवृत्ति--सझा जी० [सं० अन्तर् +वृत्ति ] मनोवृत्ति । ग्रातरिकः । | छिपा हुआ। अदृश्य । प्रलय । जुन । प्रवृत्ति । उ०---जो पवित। रमणी के रूपमाधुर्य ने हमें तृप्त क्रि० प्र०—करना । --होना = 1द्ध होता । --हि विधि करती है वही उसकी अतवृत्ति की सुदरता का भास देकर हित तुम्हार में ठप । न लग पहन र ऊ ।-मुल्मी हमें मुग्ध करती है ।--स०, पृ० ३१ ।। (ब्द०)।--रहना = गाया मा पा रहा। दिए हुआ अतर्वेग--सज्ञा पुं० [सं० अन्तर् + बेग | मनोवेग । मनोविवार । [अ० रहना । उ०-प्रवृत्तियों पति नती हैं' --म०, इमोशन] ३०---परतु मनोविज्ञान में सलामीमांसा राबधी अत पृ० १७५ ।। वेग जैसे मानसिक तत्व फी कोई स्थान नहीं है |--पा० सा० ऋतह दय--सया पुं० [ मं० मन्तब्य ] हृदय का भीतरी हिन्ना सि०, पृ० २०० । २ भीतरी ज्वर ( वैद्यक ) । (को० ] । अंतर्देगी ज्वर--सद्या पु० [सं० अन्तर्वेगी ज्वर ] एक प्रकार का ज्वर अतलघु--सा पुं० [ २० अन्तलपु ] १ घई ना वह चरण जिनके जिसमे भीतर दाह, प्यास, चक्र, सिर में दर्द और पेट में प्रत में लघुवर्ण या मात्रा हो । २ वह शब्द जिममा अनिमवणं शूल होता है। इसमे रोगी को पसीना नहीं पाता और न दम्त लघु हो । होती है। इसे कप्टज्बर भी कहते है ।। अतलीन--३० [सं० अन्तलीन ] छि हृम्रा [२०] । अतर्वेद--संज्ञा पुं० [सं० अन्तर्वेवि ] [ वि० अतर्वेदी] १ देश जिसके अलोप-वि० [सं० अन्तलोप ] (शब्द) जिस । अतिम अक्षर तुप्त अतर्गत यज्ञो की वेदियाँ हो । २ गगा और यमुना के बीच हो ( व्या० ) [को० ]। का देश । गंगा यमुना के वैचि का दीयाब । महावित देश । अतवत-वि० [सं० अन्तयत, अन्तयन्त.] नष्ट या समाप्त होने वाला । उ०----तुम आज से प्रतवैद के विपयपति नियत किए गए ।-- मरणधमा । विनाशी । उ० •-अतवत तम की माया यह सतत स्कद०, १० ८१ । ३ दो नदियों के बीच का देश या भूखड। यो ठहरे --अपलक, पृ० १०४। दोभाव।। अतवर्ण-सझी पुं० [सं० अन्तवर्ण । २ वर्ग का प्रतिम अक्षर । पचम अतर्वेदना--सुधा सी० [सं० अन्तर्वेदना] अतरिक व्यथा । भीतरी दुःख । घणं, जैसे, इ, , ण, न, म अदि [ को० ]। २. शूद्र । यो पीडा । उ०—-या यह सारी अतवेदन ईसी विलासप्रेम के अतवर्ण--वि० प्रतिम वर्ण का । चतुर्थ वर्ण का । कारण है ---काया०, पृ० ५२० । अतर्वेदि--वि० [सं० अन्तर्वेदि ] दे० 'अतर्वेदी' (को०)। अतवह्रि--सच्चा पुं० [सं० अन्तवह्नि] प्रनय की अग्नि [को० ] । अंतर्वेदी-वि० [सं० अन्तर्वेदीय 1 अतर्वेद का निवासी । गगा यमुना अतवासी'--सफा पुं० [सं० अन्तेवासी ] दे० 'अतै दासी' [को॰] के बीच के देश में रहनेवाला। गंगा यमुना के दोमाब में चसने- अतवासी-वि० १. सीमात पर रहनेवाला । २. समीप रहने वाला पोला। | [को॰] । २८/A