पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५८९

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इसमाईली ५२२ इस्तिरो नाम्नी दामी से उत्पन्न हुआ था । २ सावर तत्र में एक योगी इस्क-संज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'इश्क' । उ०-तत्र इनको माग रंग को का नाम जिसकी अन प्राय मंत्रो मे दी जाती है । इम्क लग्यो ।- दो मी वावन०, भा०१, पृ० २८८ ! इसमाईली-सज्ञा पु०[इव ०] शीया मुसलमानो की एक शाखा [को०] ! इस्कति--सज्ञा पुं० [अ० इस्कान] गिना । पतन । २ गर्भपात । इसर -सज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'ईश्वर'। हुमत गिरना ।। इसराईल-सशा पुं० [इव०] याकूब । पैगंबर का नाम । २ यहूनी । इस्कूल -मज्ञा पुं० [ अं० स्कूल] १० 'स्कून' । उ०-क्रया कहानी ३ एक देश का नाम ।। मिखन हित इम्फूनन मे जाहि ।-प्रेमघन०,०१ पृ० १० ॥ इसराईली'. सज्ञा पुं० [इब०] याकूब के वंशज । यहूदी (को॰] । इस्ट' - संज्ञा पुं० [सं० इष्ट] ३० ‘इप्ट' । उ०--प्राय घरै घर इसराईली--संज्ञा स्त्री॰ इसरायल की भापा । | औरही वयण इष्ट दे वीच १- १ ० ०, ० ३, पृ० ५७ । इसराईली- वि० इसरायल देश सवधी 1 इस्ट--सज्ञा पुं० [अ०] पूर्व दिशा । इसराज--सक्षा पुं० [अ०] एक प्रकार का सारगी की तरह का बाजा। इस्टामा--मज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'स्टार' । ३०-या मेरे अल्लाहू, ग्रा उ०—-इधर परदादी चपाकन्नी ने इसराज से भालकर पीलू का मैं क्या कर कह । इस्टीम के कागज पर लिख दू, मुद्गर कर रियाज करना भारभ किया 1-शरावी, पृ० १७ ।। इ’ ?--सर ०, पृ० ३० । इसराफ-सज्ञा पुं० [अ० इसराफ] फजूलखर्ची । अपव्यय (को०] । इस्टेशन--सज्ञा पुं० [हिं०] १० 'स्टेशन' उ०--इम्टे मन में केव न दें इसरफील-सज्ञा पुं० [इव० इसराफील] उस फरिश्ते को नाम जो ही बोम दूर पर।-- ग्रेमघन०, मा० १, पृ० ६ ।। कयामत के दिन दो बार सुर फूकेगा । पहली बार जीवित इस्तगी --मजी री० [अ० स्ट्रिग] जहाजो में बढ़ रस्मी जो धिन्नी में प्राणी मृत हो जायेंगे और दूसरी बार सभी मृत जीवित हो लगी होती है और जिससे पान के किनारे नदि ताने और जायेंगे [को॰] । खीचे जाते हैं । इसरार-सज्ञा पुं० [अ०] १ ह51 जिद । अाग्रह । अनुरोध । उ० क्रि० प्र० –चाँपना ।। तब वह इनकार अौर इसरार के लिए क्या वाकी छोडती इस्तकबाल- मज़ा पु० [अ० इस्तिकबाल ] म्वइगन । अगवानी । है ।-7 मधन, भा॰ २, पृ० २६२ । २ सारगी की तरह की उ०-चमन में मुन घबर आने की इम्त दाल को चनियाँ ।- एक वाजा ।। कविता० को०, भा० ४, पृ० ४३ । इसरी –वि० [हिं॰] दे॰ 'ईश्वरीय' । इस्तखारी-मजा पुं० [अ० इस्तिखारह] देवी सहायता चाहन। ईश्वर सलाम- सज्ञा पुं० [अ० इस्लाम] [वि॰ इसलामिया मुसलमानी से मंगल कामना करना । उ० –यहां नालों से मिलता है। धर्म । मुहम्मद साहव का चलाया हुआ धर्म । पियारा । अबम देखे है जाहिद इस्तेखारा ।--कविता कौ०, क्रि० प्र०—(कबूल) करना । मा० ४, पृ० ३६ ।। इसलामी-वि० [अ०] इसलामसवधी । इस्तमरारी--वि० [अ० इस्तिमरारी सब दिन रहनेवाला । जिसमे इसलाह-सज्ञा पुं॰ [श० इस्लाह] सशोधन । दुरुस्त करना । कुछ अदल बदल न हो । नित्य । अविच्छिन्न । इसवर--सच्ची पु० [म० ईश्वर] दे० 'ईश्वर' । ३०--इसवर सीय यौ----इम्तमरारी वदोवम्न= जमीन का वह बंदोबस्त जिसमें सेस चढे रथ ऊपर }-रघु०, पृ० १०६ । । मालगुजारी सदा के लिये मुकर्रर कर दी जाती है । यह इसहाक-संज्ञा पुं० [अ० इस्हाक] इसलाम धर्म के एक पंगवर । बंदोबस्त लार्ड कार्नवालिस ने उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में इसा -वि० [हिं०] दे॰ 'ऐसा' । उ०-अडिग इसा है मेरु ज्यो। किया था । | डोले न डुलाया।---सुदर ग्र०, भा० १, पृ० ५१२ ।। इसाई--वि० [हिं॰] दे॰ 'ईसाई' । | इस्तरी--मज्ञा स्त्री० [हिं०] दे० 'स्त्री' । उ०—देवो हम दो टोरी इसान -सज्ञा पुं० [स० ईशान दे० 'ईशान' । उ०—हिमवान कहेउ । दिए । मर्द इस्तरी उनमे जिए -कविता को०, भा४,१० ६५ । इसान महिमा अगम निगम न जानई -तुलसी ग्र०, पृ० ३६ ।। इस्तिजा -संज्ञा पुं० [अ० इस्तजह] पेशाब करने के बाद मिट्टी के इसारत --संज्ञा स्त्री० [अ० इशारत ] सकेत । इशारा । उ०- ढेले में इद्रिय में लगी हुई पेशाब की दूदो को मुखाने की क्रिया मुख सो न कह्यो कछु हाथ की इसारत सो गारी दे दें आपसी जो मुम न मानो में प्रचलित है । उ०—बड़े होकर इस्तिजा मेत किंवारी दोऊ दे गई।--रघूनाथ (शब्द॰) । करो --प्रेमघन॰ भा॰ २, पृ॰ ६१ । इसिम-सज्ञा पुं० [अ० इस्म] दे० 'इस्म' । उ०— सत सिपाहिक मुहा०.- इस्तजे का ढेला = अनाहूत व्यक्ति । तुच्छ मनुष्य । पूत इसिम मे दाग न लागे !--पलटू०, पृ० ३५।। इस्तजा लड़ना = अत्यत मित्रता होना । दाँतका रोटी होना। इसी--सर्व० [हिं०इस+ही वाई (प्रत्य॰) 1 'इस घाव्द पर जोर इस्तिजा लाता= अत्यत मित्रता करना । देने के लिये यह रूप वेनाता है। इस्तिकलाल संज्ञा पुं० [अ०इम्पिककलाल] दृढ़ती । मजबूती । इसीका-सज्ञा स्त्री० [सं० इषी का] दे० इपीका' । सकल्प की दृढता [को०] । इसे-सर्व० [म० एष ] 'यह' का कर्मकारक और सप्रदानकारक रूप । नशाम- f to ref=r 1 Tण के निमन f+या गया इसे –वि० [सं० इदृश} इस प्रकार। ऐसा । निवेदन । नालिया । फौजदारी का दावा (को०] । इसौ -वि० [हिं० ऐसा । ऐसा । इस प्रकार । इस्तिरी - मझा स्त्री० [सः स्तरी (= तह करनेवाली) स्तु] धोवी की