पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 1).pdf/५८१

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नारा ५१४ इवरायनामा क्रि० प्र०--करना -फरमाना ।—रखना। इन्साइक्लोपीडियाब्रिटानिका-संज्ञा पुं० [ अ० ] अंग्रेजी का एक मुहा०—-इनायत करना = (१) कृपा करके देना । जैसे,—जरा प्रसिद्ध विश्वकोश । उ०-न एतबार हो तो इन्माइक् नोपीडिया कलम तो इनायत कीजिए । २ रहने देना। बाज रखना। ब्रिटानिका खोलकर देख लीजिए !-प्रेमघन०, 'भा० ३, पृ० वचित रखना (व्यग्य)। जैसे,—इनायत कीजिए, मैं आपकी ४१४ । चीज नहीं लेता। इन्सोलिन-सज्ञा स्त्री० [अ०] मधुमेह रोकने की देवा । उ०-सिर्फ इनारा--सच्चा पु० [हिं० ] दे॰ 'इंदारा'। एक बार शिमला मे इन्सोनिन की सुई लगाई थी ।-किन्नर ०, इनारुन--सञ्ज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'इँदारुन' । पृ० १५।। इनारू-- संज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'ईदारुन'। उ० -मोठा जिसमे जानते थे वह इन्ह --मर्व० [हिं०] दे० 'इन' । उ०—इन्ह के दसा न कहे इनारू का फल था।--भारतेंदु ग्र ०, मा० २, पृ० २०५। वखानी । सदा काम के चेरे जानी ।—मानस, १८५ । इनेगिने-- वि० [हिं० इने == गिने की अनुध्व० +गिनना] १. कतिपय । इन्हन -सज्ञा पुं॰ [ स ० इन्धन ] दे० 'इधन'। उ०-ज्ञान अगिन कुछ। चद। थोड़े से । २ चुने चुनाए । गिने गिनाए। जैसे,-- तामे दियो विपर्य इन्हन जरि जाय -भीखी श०, पृ० १०० । इस विद्या के जाननेवाले अव इने गिने लोग हैं । इफतरा--संज्ञा पुं० [अ० इपितरह, ] १ मिथ्या अारोप 1 तोहमत । इनोदय-सज्ञा पु० [सं०] सूर्योदय [को०] । २ व्यर्य की बात । उ०-वेद कितैव इफरा भाई दिल का इनजिन--सज्ञा पुं० [हिं० इंजन ] ३० 'इजन' । उ०---इच्छा कर्म फिकिर न जाई -कवीर ग्र०, पृ० १६७ ।। | सजोगी इनजिन गारड अप अकेला है।--एपीमा०, पृ० ११४। यौ०-इफरा परवाज = कलक लगानेवाला । तोहमत लगानेवाला। इन्टरनेशनल--वि० [अं॰] दे० 'अतर्राष्ट्रीय' । जैसे,—इन्टरनेशनल इफतार--संज्ञा पु० [अ० इफ्तार] रोजा खोलना [को०] । एग्जिविशन ।। इफतारी---सज्ञा स्त्री० [अ० इपतारी] वह वस्तु जिसे खाकर रोज इंटरमीडिएट--वि० [अ०] बीच का। मध्य का । मध्यम । जैसे,-- इन्टरमीडिएट क्लूमि उच्चतर माध्यमिक कक्षा । खोला जाता है [को०] । इन्टरव्यू-संज्ञा पुं० [अ०] १ व्यक्तियो को आपस में मिलना। एक इफरात--संज्ञा ली० [अ० इफरात] अधिकता । ज्यादती । अघिकाई। ३ कमरत । वहुतायत । दूसरे का मिलाप । भेट । मुलाकात । साक्षात् वार्तालाप या प्रश्नोत्तर जैसे,—प्रयाग के एक संवाददाता ने उस दिन स्वराज्य इफलास--संज्ञा पुं० [अ० इफ्लास] मुफलिसी। त गदस्ती । गरीवी । पार्टी की स्थिति जानने के लिये उसके नेता प० मोतीलाल नेहरू दरिद्रता । आवश्यकता । उ०-वह इफलास अपना छिपाते का इंटरव्यू किया था । २ परीक्षा अथवा नियुक्ति के लिये हैं गोया । जो दौलत से करते हैं नफरत जियादा ।- कविता किसी समिति के समुख साक्षात्कार के लिये उपस्थित होना । कौ॰, भा॰ ४, पृ० ६०० । क्रि० प्र०—करना ।—लेना । इफलासी- संज्ञा स्त्री॰ [ १० इपलासी ] दे॰ 'इफलास' । ३ अापस मे विचारों का आदान प्रदान । वार्तालाप । जैसे,- इफाकत सज्ञा पुं० [अ० इफाकत ] १. रोगमुक्ति । २ रोग में सुधार समाचार पत्रों में एक संवाददाता और मालवीयजी का जो होना । स्वास्थ्यलाभ करना [को०] । इन्टरव्यू छपा है, उसमे मालवीय जी ने देश की वर्तमान राज- इब)---अव्य [हिं०] दे० 'अव' । उ०—इव तो मोहि लागी बाई उन नीतिक स्थिति पर अपने विचार प्रकट किए हैं। निहचल चित लियो चुराई ।-दादू० पृ० ४७० । इन्नर-सज्ञा पुं० [सं० अनीर = बिना जल का पेउस ( १० दिन इब्तदा-संज्ञा स्त्री० [ अ० इब्तिदह, ] दे॰ 'इब्तिदा' । उ०—जो के भीतर व्याई हुई गाय का दूध ) में गुड, सोठ, चिरौंजी शौर अव्वल मे पैदायश इवतदा, परम अातमा से हुई यह सदा ।कच्चा दूध मिलाकर पकाने से वह जम जाता है। इसी जमे कवीर म०, पृ० ३८६ । हुए दूध को इन्नर कहते हैं। इवन--सज्ञा पुं० [अ० इन ] पुत्र । उ० - तेहि के कोख कान्ह इन्याम --संज्ञा पुं० [हिं०] दे॰ 'इनाम' । उ०-राजमती इन्याम | दौ । मढी है यानीक चापानेर ।-वी० रासो, पृ० ६५। अवतरा। यूसुफ इबन अमीन दुई वारा। - हिंदी प्रेमा इन्वका-सल्ला स्त्री० [सं०] इल्वला नाम का पाँच तारों का भमूह जो पृ० २३४ । दद भृगशिरा नक्षत्र के ऊपर रहता है ।। इबरत-सज्ञा स्त्री० [अ० इवत] १ विचित्रता। अद्भुत कार्य । २ चेता इन्वायस--सम्रा पुं० [अ०] १ पापारी द्वारा भेजे हुए माल की सूची वनी । शिक्षा । नसीहत [को०]। जिसमे उस माल के दाम आदि का व्योरा रहता है। बीजक। यौ॰—इबरतअंगेज = चेतावनी देनेवाला । शिक्षाप्रद 1 इवरत रघौती । २ चालान का कागज । | अमेज़ = अद्भुत । अद्वितीय । अनोखी । इन्श्योरेंस- सज्ञा पुं० [अ० इन्श्योरेंस ] दे॰ 'वीमा' । जैसे-लाइफ इवनी--सज्ञा पुं० [अ०इवानी] इन्न होम नामक पैगवर के वग न । | इन्श्योरेंस, जीवनवीमा । | यहुदी । इन्स--सज्ञा पु० [अ०] दे० 'इनसान' । उ०-बजुर्ज खालिक जिन, इन्स इबानी-संज्ञा स्त्री० पैलिस्तान देश की प्राचीन भाप । व वशर, उनकी होनहारी की नई किस खवर |-दक्खिनी०, इवानी- वि० यहूद या फि नस्तीन देश का । उस देश से सत्र वित। पृ० ३७४ । इवरायनामा–सज्ञा पुं० [फा०] वह पत्र जिसके द्वारा कोई मनुष्य इन्साइक्लोपीडिया-संज्ञा पुं० [अ०] दे॰ 'विश्वकोश' । अपने स्वत्व या हुक से दस्तबरदार हो । त्यागपत्र ।।